क्यों कहते हैं कि व्यक्ति अपने पूर्वजन्मों का फल भोगता है? || आचार्य प्रशांत, उत्तर गीता पर (2019)
  • 4 years ago
वीडियो जानकारी:
अद्वैत बोध शिविर, 27.12.19, ग्रेटर नॉएडा, उत्तर प्रदेश, भारत

प्रसंग:
यद यच्च कुरूते कर्म शुभं वा यदि वाशुभम।
पूर्वदेहकृतं सर्वमवश्यमुपभुज्यते।।

भावार्थ: मनुष्य शुभ अथवा अशुभ जो जो कर्म करता है,
पूर्वजन्म के किये गए उन सब कर्मों का फल उसे अवश्य भोगना पड़ता है।।
~उत्तर गीता (अध्याय ३, श्लोक १२)

~ क्या पुनर्जन्म होता है?
~ क्या मृत्यु के बाद भी जीवन है?
~ क्या व्यक्ति अपने पूर्वजन्म के फल को भोगता है?
~ क्या कर्म के सिद्धांत पुनर्जन्म पर भी लागू होते हैं?

संगीत: मिलिंद दाते
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