(गीता-33) क्या आप अपना जीवन बेहतर बनाना चाहते हैं? || आचार्य प्रशांत, भगवद् गीता पर (2023)
  • 2 months ago

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वीडियो जानकारी: 08.12.23, गीता समागम, ग्रेटर नॉएडा

प्रसंग:
स्वार्थ जब उथला हो तो बुरा है, जब गहरा होता है तो परमार्थ होता है।
बुद्धि किसकी ग़ुलाम है उससे तय होगा कि आपकी ज़िंदगी का होने क्या वाला है।
बुद्धि अपना काम तभी ठीक कर पाती है, जब उसे सच से प्रेम होता है।
आपका काम सिर्फ गलत बंधनों को छोड़ना नहीं, आपका काम गलत बंधनों को छोड़कर सही बंधनों को पकड़ना है।
सही बंधनों को पकड़ो इसी में तुम्हारी मुक्ति है।

संगीत: मिलिंद दाते
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