हम इतना सोचते क्यों हैं? || आचार्य प्रशांत, युवाओं के संग (2014)

  • 5 years ago
वीडियो जानकारी:

संवाद सत्र
१५ अप्रैल २०१४
एम.आई.टी, मुरादाबाद

प्रसंग:
हम इतना सोचते क्यों हैं?
क्या हमारा स्वभाव हैं सोचना?
सोच कहाँ से उठती है?
क्या सोचने से समस्या का समाधान हो सकता है?

संगीत: मिलिंद दाते

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