राब्ता : फिल्म समीक्षा, Raabta : Movie review
  • 5 years ago
राब्ता देखते समय राकेश ओमप्रकाश मेहरा की मिर्जिया याद आती है। उस फिल्म में दो प्रेम कहानियां समानांतर चलती है। एक का कालखंड वर्षों पुराना है और दूसरी आज के दौर में सेट है। राब्ता में भी यही बात है, लेकिन यहां पर पुनर्जन्म वाला एंगल जोड़ दिया गया है। पिछले जन्म में दो प्रेमी एक विलेन के कारण मिल नहीं पाए थे। पुनर्जन्म लेकर फिर वे साथ होते हैं और आगे की कहानी का अंदाजा लगाना मुश्किल नहीं है।
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