देश में 'असहिष्णु भारतीय' के लिए कोई जगह नहीं-प्रणब | Pranab Mukherjee On DU Issue
  • 5 years ago
विश्वविद्यालय परिसरों में स्वतंत्र चिंतन की वकालत करते हुए राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने कहा कि छात्रों को अशांति और हिंसा के भंवर में फंसा देखना दुखद है। उन्होंने कहा कि देश में असहिष्णु भारतीय के लिए कोई जगह नहीं होनी चाहिए। उनकी टिप्पणी दिल्ली विश्वविद्यालय में आरएसएस से संबद्ध एबीवीपी और वाम समर्थित आइसा के बीच जारी गतिरोध तथा छात्रा गुरमेहर कौर के हालिया ट्वीटों के बाद राष्ट्रवाद तथा स्वतंत्र अभिव्यक्ति को लेकर हो रही बहस की पृष्ठभूमि में आई है। मुखर्जी ने कहा, 'यह देखना दुखद है कि छात्र हिंसा और अशांति के भंवर में फंसे हुए हैं।' देश में विश्वविद्यालयों की प्राचीन गौरवशाली संस्कृति को रेखांकित करते हुए राष्ट्रपति ने कहा कि हमारे प्रमुख उच्चतर शिक्षण संस्थान ऐसे यान हैं जिससे भारत अपने को ज्ञान समाज में स्थापित कर सकता है। उन्होंने कहा कि शिक्षा के ऐसे मंदिरों में सृजनात्मकता और स्वतंत्र चिंतन की गूंज होनी चाहिए।
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