आत्मा क्या, जीवात्मा क्या? क्या आत्मा का पुनर्जन्म होता है? || आचार्य प्रशांत, भगवद् गीता पर (2019)
  • 4 days ago
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वीडियो जानकारी: शब्दयोग सत्संग, 20.7.19, अद्वैत बोधस्थल ,ग्रेटर नॉएडा, भारत

प्रसंग:

श्रीमद्भगवद्गीता (अध्याय 2, श्लोक 19)
य एनं वेत्ति हन्तारं यश्र्चैनं मन्यते हतम् |
उभौ तौ न विजानीतो नायं हन्ति न हन्यते ||
भावार्थः
जो इस आत्मा को मारने वाला समझता है तथा जो इसको
मरा मानता है, वे दोनों ही नहीं जानते ; क्योंकि यह आत्मा
वास्तव में न तो किसी को मारता है और न किसी के द्वारा मारा जाता है ।।
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श्रीमद्भगवद्गीता (अध्याय 2, श्लोक 20)
न जायते म्रियते वा कदाचि-न्नायं भूत्वा भविता वा न भूयः।
अजो नित्यः शाश्वतोऽयं पुराणोन हन्यते हन्यमाने शरीरे॥२०॥
भावार्थः
यह आत्मा किसी काल में भी न तो जन्मता है और न मरता ही है तथा न यह उत्पन्न होकर
फिर न होने वाला ही है क्योंकि यह अजन्मा, नित्य, सनातन और पुरातन है, शरीर के मारे जाने पर भी यह मारा नहीं जाता॥
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श्रीमद्भगवद्गीता (अध्याय 2, श्लोक 23)
नैनं छिन्दन्ति शस्त्राणि नैनं दहति पावकः।
न चैनं क्लेदयन्त्यापो न शोषयति मारुतः॥
भावार्थ:
इस आत्मा को शस्त्र नहीं काट सकते, आग इसको जला नहीं सकती,
जल इसको गला नहीं सकता और वायु इसको सुखा नहीं सकती॥
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~ आत्मा क्या है?
~ जीवात्मा क्या है?
~ आत्मा का पुनर्जन्म होता है?
~ सूक्ष्म शरीर को कैसे समझें?
~ जीव और आत्मा में क्या संबंध है?

संगीत: मिलिंद दाते
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