आखिरी दिन और आखिरी घंटे तक विजयाराजे रहीं अनजान, 1984 का चुनाव और ग्वालियर से माधवराव का नामांकन

  • 3 years ago
Vijyaraje and Madhav Rao Scindia Story: सिर्फ ज्योतिरादित्य सिंधिया (Jyotraditya Scindia) के चलते ही नहीं बल्कि ग्वालियर (Gwalior) का सिंधिया राजघराना (Scindia Royal Family) 1960 के दशक से ही मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) और भारतीय राजनीति (Indian Politics) में चर्चित रहा है। राजमाता विजयाराजे सिंधिया (Rajmata Vijyaraje Scindia) और उनके बेटे माधवराव सिंधिया (Madhav Rao Scindia) के रिश्तों में खटास यूं तो सत्तर के दशक में ही पड़ चुकी थी, मगर 1984 के लोकसभा चुनाव (Loksabha Elections) में जब बीजेपी (BJP) के अटल बिहारी वाजपेयी (Atal Bihari Vajpayee) के मुकाबले राजीव गांधी (Rajeev Gandhi) ने कांग्रेस (Congress) की ओर से माधवराव को चुनाव मैदान में उतारा, तब रिश्तों की ये तल्खी अपने शबाब पर पहुंच गईँ...कहा जाता है कि राजमाता को नामांकन (Nominations) आखिरी घंटे तक ये नहीं पता था कि उनका अपना ही बेटा, उनके सामने चुनौती पेश कर रहा है...पेश है जनसत्ता की ये खास रिपोर्ट...

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