UP में Labour Law का बदलाव India को 200 years पीछे ले जाएगा | Mitali Mukherjee
  • 3 years ago
लॉकडाउन के बीच उत्तर प्रदेश सरकार ने आर्थिक गतिविधियों को पुनर्जीवित करने के नाम पर तीन साल के लिए विभिन्न श्रम कानूनों से राज्य के उद्योगों को छूट देने के लिए एक अध्यादेश को मंजूरी दी है. हालांकि राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की मंजूरी के बाद ही ये कानून बन पाएगा.
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में बीते बुधवार को हुई कैबिनेट की बैठक में अध्यादेश को मंजूरी देने का फैसला लिया गया. सरकार के एक प्रवक्ता ने कहा कि विभिन्न व्यवसायों और उद्योगों को पुनर्जीवित करने और बढ़ावा देने के उद्देश्य से ये कदम उठाया गया है क्योंकि देशव्यापी लॉकडाउन के कारण इन पर काफी प्रभाव पड़ा है.
चूंकि भारत के संविधान के तहत श्रम समवर्ती सूची (कन्करेंट लिस्ट) का विषय है, इसलिए राज्य को कानून बनाने से पहले केंद्र की मंजूरी लेनी पड़ती है. प्रवक्ता ने कहा कि औद्योगिक और आर्थिक गतिविधियों को गति देने और मौजूदा उद्योग को पटरी पर लाने के अलावा अधिक निवेश के अवसर पैदा करने की जरूरत है.
मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में राज्य मंत्रिमंडल ने ‘उत्तर प्रदेश अस्थायी श्रम कानूनों से छूट अध्यादेश, 2020’ को मंजूरी दी है ताकि तीन श्रम कानूनों और एक अन्य अधिनियम के एक प्रावधान को छोड़कर बाकी अन्य श्रम कानूनों से कारखानों, व्यवसायों, प्रतिष्ठानों और उद्योगों को तीन साल तक के लिए छूट दी जा सके.
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