115 रुपए की दिहाड़ी करने पर मजबूर वेटरनरी इंटर्न
  • 3 years ago

प्रदेश में अद्र्धकुशल श्रमिक की न्यूनतम मजदूरी है २३७ रुपए
अद्र्धकुशल श्रमिक की मजदूरी से भी कम मिल रहा इंटर्नशिप भत्ता
10 साल से नहीं बढ़ाया गया है इंटर्नशिप भत्ता

राज्य के विभिन्न पशु चिकित्सा महाविद्यालयों में एक वर्ष की इंटर्नशिप समयावधि के दौरान इंटर्न डॉक्टर्स दिन भर सेवाएं देते हैं। यहां तक कि कोविड के समय ग्रामीण क्षेत्रों में जाकर भी इन वेटरनरी इंटर्न ने अपनी सेवाएं दीं, काम के दबाब से उन्हें कोई परेशानी नहीं है। इन इटर्न की परेशानी है काम के बदले में मिलने वाला मेहनताना यानी इंटर्नशिप भत्ता, जिसे स्टाइपेंड कहा जाता है। सरकार की ओर से उन्हें 115 रुपए मात्र दिए जाते हैं जो प्रदेश में अद्र्धकुशल श्रमिक की न्यूनतम मजदूरी 237 रुपए से भी कम है। इंटर्नशिप भत्ता बढ़ाने की मांग को लेकर वेटरनरी इंटर्न डॉक्टर व विभिन्न छात्र संगठन पिछले काफी समय से प्रयास कर रहे हैं लेकिन सरकार उनकी मांगों पर ध्यान नहीं दे रही।
Recommended