बंद होने की कगार पर संस्कृत कॉलेज
  • 3 years ago

कॉलेज शिक्षा में 75 फीसदी पद रिक्त
15 साल से नहीं हुई शिक्षकों की भर्ती
सेवा नियमों का नहीं होना पड़ रहा भारी
एक राज्य सरकार संस्कृत को बढ़ावा देने की बात कर रही है तो वहीं दूसरी ओर प्रदेश में इस भाषा के हाल बदतर होते जा रहे हैं। प्रदेश में विश्वविद्यालय शिक्षा में करीब 52 फीसदी तो कॉलेज शिक्षा में 75 फीसदी पद रिक्त पड़े हैं। जिसके चलते संस्कृत कॉलेज बंद होने की कगार पर आ चुके हैं।
संस्‍कृत शिक्षा विभाग के नियंत्रणाधीन वर्तमान में अजमेर सहित कोटा, उदयपुर, नाथद्वारा, डूंगरपुर, बीकानेर, सीकर, जोधपुर, जयपुर सहित अन्य जिलों में 12 राजकीय आचार्य एवं 18 राजकीय शास्‍त्री संस्‍कृत महाविद्यालय संचालित हैं। यह कॉलेज पहले स्कूल शिक्षा विभाग के अधीन थे। वर्ष 2012-13 में इन्हें उच्च शिक्षा विभाग के अधीन कर दिया गया।
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