पशु टीकाकरण अभियान: खतरे में कार्मिकों का जीवन

  • 4 years ago

प्रदेश में 12 अक्टूबर से शुरू होगा पशु टीकाकरण अभियान
अभियान स्थगित किए जाने की मांग
बिना पीपीई किट,थर्मल स्केनर कैसे होगा टीकाकरण

सोशल डिस्टेंसिंग की पालना भी बनेगी चुनौती
केस एक
पांच बत्ती स्थित पॉलीक्लिनिक में एक पशु चिकित्सक की जांच रिपोर्ट पिछले दिनों कोविड पॉजिटिव आई। जिसके कारण चिकित्सक को आइसोलेट होना पड़ा साथ ही अन्य कार्मिकों ने भी अपना कोविड टेस्ट करवाया।

केस दो
श्रीगंगानगर के एक पशु चिकित्सालय में कार्यरत कार्मिक कोविड 19 की चपेट में आ गए। जिसके चलते कई दिनों तक यहां काम प्रभावित हुआ।

यह दो केस तो सिर्फ उदाहरण के लिए हैं लेकिन इनके अलावा भी प्रदेश के कई जिलों में पशु चिकित्सा अधिकारी और कोर्मिक कोविड की चपेट में आ चुके हैं। ऐसे में उनकी जान दांव पर लगा कर पशु पालन विभाग आगामी 12 अक्टूबर से पशु टीकाकरण अभियान की शुरुआत करने जा रहा है। उस पर विभाग इन कार्मिकों से यह काम करवा रहा है बिना सुरक्षा उपायों के। विभाग के इस निर्णय से यह पूरा अभियान ही सवालों के घेरे में आ गया है और राजस्थान पशु चिकित्सा संघ और राजस्थान पशु चिकित्सा कर्मचारी संघ विरोध कर रहे हैं। उनका कहना है कि अभियान को स्थगित किया जाना चाहिए।

ना पीपीई किट, ना हैंड सेनेटाइजर
जानकारी के मुताबिक टीकाकरण अभियान का कार्य विभाग के पशु चिकित्सा अधिकारी, पशु चिकित्सा सहायक और पशुधन सहायकों के द्वारा किया जाना है। राजस्थान पशु चिकित्सा कर्मचारी महासंघ के प्रदेशाध्यक्ष अजयसैनी और महामंत्री अर्जुन शर्मा का कहना है कार्मिकों को घर घर जाकर पशुओं का टीकाकरण करना होगा लेकिन विभाग की ओर से कार्मिकों को न तो मास्क दिए गए हैं और ना ही हैंड सेनेटाइजर। पीपीई किट, दस्ताने, थर्मल स्केनर, प्लेन प्रोटेक्टिंग ग्लास, बायो मेडिकल वेस्ट, डिस्पोजेबल बैग्ज, निडिल सीरिंज सामग्री आदि भी नहीं दिए गए हैं। जो केंद्र और राज्य सरकार की ओर से जारी कोविड 19 की गाइडलाइन का उल्लंघन है। गौरतलब है कि पशुओं का टीकाकरण करने के लिए इन कार्मिकों को घर घर जाना होगा। ऐसे में सोशल डिस्टेसिंग की नियम की पालना करना भी संभव नहीं हो सकेगा, वह भी तब जबकि कोरोना तेजी से पूरे प्रदेश में फैल रहा है।
अस्पतालों में थर्मल स्क्रीनिंग तक नहीं
आपको बता दें कि अस्पताल आने वाले पशुपालकों की थर्मल स्क्रीनिंग तक नहीं की जा रही। राजधानी जयपुर की ही बात करें तो पांच बत्ती स्थित पॉलिक्लीनिक, दुर्गापुरा और जगतपुरा स्थित पशु चिकित्सालय में स्टाफ कोरोना पॉजिटिव आ चुका है लेकिन इसके बाद भी स्टाफ को मास्क, हैंड सेनेटाइजर और दस्ताने आदि नहीं दिए गए। यहां तक कि यहां आने वाले पशुपालकों की जांच तक थर्मल स्क्रीनिंग से नहीं की जा रही।

विभाग १२ अक्टूबर से टीकाकरण अभियान का अगला चरण शुरू करने जा रहा है। कार्मिकों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए हमने अधिकारियों को बजट उपलब्ध करवाया है, जिससे उनके लिए हैड सेनेटाइजर, मास्क दस्ताने आदि की व्यवस्था की जा सके।
डॉ. भवानी सिंह, संयुक्त निदेशक
पशुपालन विभाग।

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