Bakrid 2020: बकरीद पर कुर्बादी क्यों दी जाती है | Bakra Eid Qurbani | Boldsky
  • 4 years ago
Bakrid traces its history to 4,000 years ago, when the Prophet Abraham saw God in a dream, commanding him to sacrifice what he loved the most. He is said to have had an only son, Ismail (until another was born to Sarah, when he and she were long past the age of reproduction). Eid al-Adha, also called Eid Qurban, is the second of two Islamic holidays celebrated worldwide each year, and considered the holier of the two. It honors the willingness of Ibrahim to sacrifice his son Ismael as an act of obedience to God's command.

बकरा ईद (Bakra Eid), बकरीद (Bakreed), ईद-उल-अजहा (Eid Al Adha) या फिर ईद-उल जुहा (Eid Ul Adha) इस साल देशभर में 1 अगस्त को मनाई जाएगी. इस्लामिंक कैलेंडर (Islamic Calendar) के अनुसार 12वें महीने की 10 तारीख को बकरीद मनाई जाती है. हालांकि, साउदी अरब में 31 जुलाई को ही बकरीद मनाई जाएगी. बकरीद, रमजान (Ramadan) के पवित्र महीने के खत्म होने के लगभग 70 दिनों के बाद मनाई जाती है. बता दें, बकरीद पर कुर्बानी दी जाती है और मीठी ईद के बाद यह इस्लाम धर्म का प्रमुख त्योहार होता है.बकरीद का दिन फर्ज-ए-कुर्बानी का दिन होता है. इस्लाम में मुस्लिमों और गरीबों का खास ध्यान रखने की परंपरा है. इस वजह से बकरीद पर गरीबों का विशेष ध्यान रखा जाता है. इस दिन कुर्बानी के बाद गोश्त के तीन हिस्से किए जाते हैं. इन तीन हिस्सों में खुद के लिए एक हिस्सा रखा जाता है और बाकी के दो हिस्से गरीब और जरूरतमंदों को बांट दिए जाते हैं. इसके जरिए मुस्लिम लोग पैगाम देते हैं कि वो अपने दिल की करीब चीज भी दूसरों की बेहतरी के लिए अल्लाह की राह में कुर्बान कर देते हैं.

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