व्यापारी सड़क पर उतरेंगे इंदौर प्रशासन के खिलाफ, कहा- चाहे फांसी चढ़ा दो, दुकान हर हाल में खोलेंगे
  • 4 years ago
शुक्रवार को रेसीडेंसी कोठी पर जनप्रतिनिधियों के मुखर विरोध के बाद प्रशासन ने सोमवार से झोन टू के बाजारों में लेफ्ट राइट का सिस्टम खत्म करते हुए पूरी तरह से बाजारों को खोलने की छूट दे दी है, किंतु शहर के मध्य क्षेत्र के बाजारों को जिसमें की प्रमुख रूप से सीतलामाता बाजार, शक्कर बाजार, सांठा बाजार, मारोठिया बाजार, बोहरा बाजार, खजूरी बाजार, राजबाड़ा, पिपली बाजार, बर्तन बाजार नलिया बाखल, इतवारिया बाजार एवं मल्हारगंज जैसे प्रमुख व्यापारिक क्षेत्र आते हैं, इन प्रमुख व्यापारी क्षेत्रों को पूरी तरह से बाजार खोलने की परमिशन नहीं दी है। यहां पर अभी भी व्यापारियों को लेफ्ट-राइट के अनुसार ही बाजार खोलना पड़ेंगे। प्रशासन के इस निर्णय को अपने साथ अन्याय बताते हुए आज क्षेत्र के व्यापारियों ने शक्कर बाजार में एक संस्थान में बैठकर निर्णय लिया कि प्रशासन द्वारा उनके साथ किए जा रहे अन्याय का विरोध किया जाएगा और इसी विरोध स्वरूप सोमवार को इन बाजारों को पूरी तरह से खोला जाएगा। व्यापारियों ने कहा कि जब पूरे शहर में संक्रमण दिखाई दे रहा है और कुछ क्षेत्रों में तो पूरी तरह संक्रमण दिखाई देने के बाद भी उनके चारों ओर के बाजार सोमवार से पूरी तरह से खोले जा रहे हैं तो फिर मध्य क्षेत्र जहां पर अभी बिल्कुल भी संक्रमण की स्थिति बिगड़ी हुई नहीं है, यहां के व्यापारियों को क्यों परेशान और प्रताड़ित किया जा रहा है। व्यापारियों ने कहा कि महीने में 12 दिन दुकान खोलने पर बिजली का बिल, कर्मचारी का वेतन, प्रॉपर्टी टैक्स सहित अन्य सभी कर पूरे-पूरे महीने के लिए जाते हैं तो फिर महज 12 दिन व्यापार खोलकर हम इन खर्चों की पूर्ति कैसे करेंगे।  प्रशासन हम व्यापारियों में बंटवारा नहीं करें और सब को एक जैसी छूट प्रदान करें। कुछ व्यापारियों ने कहा कि आगामी समय में हिंदू और मुस्लिम दोनों धर्मों के प्रमुख त्यौहार आ रहे हैं और इन सभी व्यापारिक क्षेत्रों में इन त्योहारों से संबंधित व्यापार सबसे अधिक होता है। अतः प्रशासन हमारी मजबूरी को समझ कर लेफ्ट-राइट की बजाए दोनों साइड के व्यापारियों को दुकान खोलने की अनुमति दें। व्यापारियों ने कहा कि प्रशासन यदि हमें कुछ गाइडलाइन और समझाइश देकर बाजार खोलने की अनुमति देता है तो हम उसका पूरी तरह से पालन करेंगे, किंतु अनुमति नहीं देता है तो भी हम सोमवार से अपनी रोजी-रोटी पूरी तरह से खोलेंगे और इसके लिए जनप्रतिनिधियों को भी हमारे साथ आना होगा, क्योंकि हमने वोट जनप्रतिनिधियों को दिए हैं, कलेक्टर को नहीं।
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