खुशियों की दास्तां-बुनकरों की मजदूरी में 25% वृद्धि से फिरदोस आत्मनिर्भर

  • 4 years ago
मंदसौर जिले की रहने वाली फिरदोस पति मोहम्मद रफीक की उम्र 36 साल है l यह मंदसौर तहसील के गांव खिलचीपुरा की रहने वाली हैं। इन्होंने आठवीं तक पढ़ाई पूर्ण कर रखी हैं। इनके तीन बच्चे हैं, जिसमें दो लड़के और एक लड़की हैं। यह पहले मजदूरी का कार्य करते थी, इनके पती भी मजदूरी का कार्य करते थे। इस तरह यह दोनो मजदूरी के कार्य में लग कर अपने जीवन का गुजर बसर कर रहे थे। लेकिन इनके घर का पूरा खर्चा नहीं चल पाता था। परेशानियों का सामना करना पड़ता था। इसके साथ ही प्रतिदिन भी मजदूरी नहीं मिलती थी। जिससे भी परेशानी होती थी। फिरदोस को संत रविदास मध्यप्रदेश हस्तशिल्प एवं हथकरघा विकास निगम लिमिटेड के माध्यम से ग्राम खिलचीपुरा में वस्त्र बुनकर के कार्य के बारे में पता चला और यह वस्त्र बुनकर का का कार्य करने लगी। जिससे इन्हें प्रतिदिन 200 रुपये की मजदूरी मिल जाया करती थी। इससे इन्हें के गांव में ही रोजगार मिल गया। कोविड-19 महामारी प्रकोप के चलते बुनकरों के बनाए गए वस्त्र की मजदूरी में 25 प्रतिशत की वृद्धि सरकार के द्वारा की गई। जिससे फिरदोस को अब प्रतिदिन 300 से 350 रुपए तक की मजदूरी मिल जाती हैं। फिरदोस मध्य प्रदेश सरकार को धन्यवाद देती है कि उन्होंने बुनकर कार्य में लगे मजदूरो की मजदूरी में 25% की वृद्धि की। वह अपने आसपास की महिलाओं को वस्त्र बुनाई के कार्य करने के लिए प्रेरित करती हैं और आत्मनिर्भर बनाने के लिए प्रेरित करती है।

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