गेंहू की बम्पर खरीद, तेलंगाना जाएंगे प्रदेश के गेंहू
  • 4 years ago
गेंहू की बम्पर खरीद
तेलंगाना जाएंगे प्रदेश के गेंहू
लक्ष्य से अधिक हुई खरीद
83 हजार मैट्रिक टन हो चुकी अब तक खरीद
लक्ष्य था 78 हजार मैट्रिक टन

बारां जिले में एफसीआई की ओर से खरीदे गए समर्थन मूल्य के गेहूं की छठी रेक तेलंगाना राज्य के चारलापल्ली डिपो पर जाएगी। राजस्थान में रेक नहीं मिलने के कारण यह निर्णय एफसीआई की ओर से लिया गया। इस रेक पर 53 हजार गेहूं के कट्टों का लदान किया जा रहा है। जो कि आज शाम को रवाना हो जाएगी। वहीं दूसरी ओर एफसीआई को मिले अतिरिक्त लक्ष्य से भी 5000 मैट्रिक टन गेहूं की अधिक खरीद हो चुकी है।

आपको बता दें कि एफसीआई की ओर से समर्थन मूल्य पर 16 अप्रैल से शुरू की गई खरीद 30 जून तक जारी रहेगी। पूर्व में 26 खरीद केंद्र के माध्यम से गेहूं की खरीद की जा रही थी। लक्ष्य के अनुसार जिले में 55 हजार मैट्रिक टन गेहूं की खरीद करनी थी। उसके बाद सरकार ने 23 हजार मेट्रिक टन का लक्ष्य बढ़ाया जो कि कुल 78 हजार मैट्रिक टन पर पहुंचा। इसके बाद भी जिले में अब तक 83 हजार मैट्रिक टन खरीद हो चुकी है, जो निर्धारित लक्ष्य से ५ हजार मैट्रिक टन अधिक हैं। आपको यह भी बता दें कि वर्तमान में भी 10 खरीद केंद्रों पर गेहूं की खरीद की जा रही है।
खरीद का लक्ष्य हुआ पूरा
लक्ष्य से अधिक मांगरोल, सीसवाली व अन्ता में हुई है। जहां पर प्रशासनिक स्तर पर अभी भी टोकन दिए जा रहे हैं। जिसके चलते इन खरीद केंद्रों पर लक्ष्य पूर्ण होने के बावजूद भी खरीद करवाई जा रही है। मांगरोल में 32500 मेट्रिक टन, सीसवाली में 17000 मैट्रिक टन तथा अन्ता में 9500 मेट्रिक टन खरीद का लक्ष्य करीब सप्ताह पूर्व ही पूर्ण हो चुका है, लेकिन इसके बावजूद भी प्रशासनिक स्तर पर लोगों को टोकन दिए जा रहे हैं। कई बार स्थिति यह हो जाता है कि तुलाई नहीं होने पर कांटों पर झगड़े की स्थिति उत्पन्न होती है। वहीं अतिरिक्त बढ़ती खरीद को लेकर बारां एफसीआई के डिपो मैनेजर केशव मीना ने उच्चाधिकारियों को अवगत करवा दिया है। हालांकि इसकी लिखित में अप्रूवल अभी तक नहीं मिली है। एफसीआई ने बारां जिले के सारे गोदाम फुल हो जाने के बाद जिले में खरीदे गए गेहूं को बाहर भिजवाना शुरू किया था, पांच रेक पहले ही नागौर, उदयपुर, जालौर ,जयपुर तथा पाली मारवाड़ भेजी जा चुकी है। कृषि विभाग के उपनिदेशक अतीश शर्मा ने बताया कि जिले में 1 लाख 73 हजार 430 हेक्टर के रकबे में गेहूं की बुवाई की गई थी। जिससे 9 लाख मेट्रिक टन गेहूं का उत्पादन हुआ है।
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