ऊपर से नर, अंदर से पशु || आचार्य प्रशांत (2019)

  • 4 years ago
वीडियो जानकारी:
विश्रांति शिविर, 3.8.19, पुणे, महाराष्ट्र, भारत

प्रसंग:
~ पशुवत जीवन व्यतीत करने से क्या अभिप्राय है?
~ पशु-पक्षियों जैसा कर्म करना ही मनुष्य जीवन का उद्देश्य क्यों नहीं है?
~ मनुष्य जीवन का उद्देश्य क्या है?
~ मनुष्य पशु से कैसे भिन्न है?
~ मनुष्य के लिए सार्थक कर्म क्यों आवश्यक है?

संगीत: मिलिंद दाते

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