Mahashivaratri Vrat Vidhi: इस व्रत विधि का पालन कर बरसेगा शिव आशिर्वाद | Boldsky
  • 6 years ago
One day before Shivaratri Vrat, most likely on Trayodashi, devotees should eat only one time. On Shivaratri day, after finishing morning rituals devotees should take Sankalp to observe full day fast on Shivaratri and to take food next day. During Sankalp devotees pledge for self-determination throughout the fasting period and seek blessing of Lord Shiva to finish the fast without any interference. Hindu fasts are strict and people pledge for self-determination and seek God blessing before starting them to finish them successfully.Shivaratri puja can be performed one time or four times during the night. The whole night duration can be divided into four to get four Prahar to perform Shiva Puja four times.


हिंदू धर्म में भगवान शिव और माता पार्वती को समर्पित कई त्यौहार मनाए जाते है.. इन सभी पर्वों में विशेष है महाशिवरात्रि.. पौराणिक मान्यताओं के आधार पर इसी विशेष दिन भगवान शंकर का विवाह माता पार्वती से हुआ था..इसी पवित्र दिन भगवान भोले भंडारी और माता शिवानी की पूजा कर आप सौभाग्य की प्राप्ति करेंगे और सुख समृद्धि से परिपूर्ण होंगे..आइए जानते है संपूर्ण पूजा विधि..सबसे पहले मिट्टी के बर्तन में पानी भरकर, ऊपर से बेलपत्र, धतूरे के पुष्प, चावल आदि डालकर शिवलिंग पर चढ़ायें. अगर आपके घर शिवलिंग नहीं है और आस-पास में शिवालय न हो, तो शुद्ध गीली मिट्टी से ही शिवलिंग बनाकर भी उसे पूजा जा सकता है. तत्पश्चात शिवपुराण का पाठ सुनें..सूर्योदय से पहले उत्तर-पूर्व में पूजन-आरती की तैयारी कर ले... सूर्योदय के समय पुष्पांजलि और स्तुति कीर्तन के साथ महाशिवरात्रि का पूजन संपन्न होता है. उसके बाद दिन में ब्रह्मभोज भंडारा के द्वारा प्रसाद वितरण कर व्रत संपन्न करें. ऐसी मान्यता है कि इस व्रत को करने से सब पापों का नाश हो जाता है... हिंसक प्रवृत्ति बदल जाती है... निरीह जीवों के प्रति आपके मन में दया भाव उपजता है. महाशिवरात्रि की व्रत समाप्ति अगले दिन प्रात:काल जौ, तिल, खीर और बेलपत्र का हवन करके करें...इस पर्व की खासियत है कि इस दिन चारों पहर ईश्वर की विधि विधान से पूजा अर्चना की जा सकती है..
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