Mystery of Titanic _ How the World_s Greatest Ship Disappeared_ _ Dhruv Rathee in Hindi(360P)
Transcript
00:00नमस्कार दोस्तों, बात है 10 एप्रेल 1912 की
00:03RMS Titanic, दुनिया का सबसे बड़ा और सबसे लग्जीरियस जहाज अपने जमाने का
00:08अपने पहले सफर पर निकलता है
00:10ये जहाज साुथ हैम्टिन एंगलेंड से न्यू यौर्क जा रहा है
00:14और इसके अंदर हर तरहे के लोग बैठे हैं
00:16बड़े-बड़े इंड़स्ट्रिलिस्ट और आक्टर से लेकर
00:18इमिग्रेंट्स तक जो अमेरिका जा रहे हैं
00:20एक बहतर जिंदगी की तलाश में
00:22इस जहाज की कमांड समाले हैं
00:2462 साल के सीनियर कैप्टन एड़वर्ड जॉन स्मिथ
00:27पैसिंजर्स में, पब्लिक में और मेडिया में
00:29बहुत एकसाइटमेंट हैं इस टाइटानिक जहाज को लेकर
00:32आखिर ना सिर्फ ये दुनिया की सबसे बड़ी शिप है
00:34269 मीटर लेंथ में
00:36और 50 मीटर से भी ज्यादा उची
00:38बलकि इसमें जो लग्जरी इस्तिमाल करी गई है
00:41इसे बनाने के लिए वो दिल दहला देने वाली है
00:43उस जमाने में शिप को बनाने ही कॉस्ट पड़ी थी
00:457.5 मिलियन डौलर्स
00:48इंफलेशन को अकांट में लेकर चलोगे
00:50तो आज के 400 मिलियन डौलर्स के बराबर है
00:52शिप के अंदर की फैसिलिटीज और डेकॉरेशन्स
00:54किसी 5 स्टार होटेल को भी पीछे छोड़ देंगी
00:57स्टेंड ग्लास की खिड़किया, औरनेट वुड़ पैनलिंग
01:00दो बड़े-बड़े ग्रांड स्टेर केसिस
01:02एक हीटिड स्विमिंग पूल, टरकिश बात, एलेक्ट्रिक बात, एक जिम, एक स्कॉश कोट, चार रेस्टुरेंट्स, दो बारबर की दुकाने और एक लाइबरेरी भी
01:09और तो और जिस तरहे के सेफ़टी फीचर्स का इस्तिमाल किया गया था टाइटानिक को बनाने में, इस जहास को अन्सिंकिबल माना जाता था
01:17ये एक ऐसी शिप है जो कभी डूब ही नहीं सकती, क्योंकि इतनी सेफ है ये
01:21वाइट स्टार लाइन उस कमपनी का नाम था जिसने इस टाइटानिक जहास को बनाया था
01:24इस कमपनी के वाइस प्रेज़ेडन्ट इतने कॉंफिरेंट है इस चीज़ को लेकर उन्होंने पभलिक के सामने आकर ओपनली कहा था ये जहास अन्सिंकिबल है
01:32लेकिन अपने पहले सफर पर रवाना होने के सिरफ दो ही दिन बाद, 12 एफरेल 1912 को टाइटानिक को अपनी पहली आईस वार्णिंग्स मिलने लग जाती हैं
01:41यानि जिस एटलांटिक ओशन पर तैर कर ये टाइटानिक एमेरेका की ओर बढ़ रहा है, वहाँ पर आईस मौझूद हैं
01:47बड़े-बड़े बर्फ के पहाड मौझूद हैं, आईस बर्क्स, जो खत्रा हैं इस जहास के लिए
01:52ये वार्णिंग्स को इतनी अन्यूजूल जीज़ नहीं है, समुद्र से गुजरने वाले जहास, अक्सर अपने आपस पास वाले जहासों को रेडियो के थूँ कम्यूनिकेट करके बताते रहते हैं
01:59इस समुद्र के इस एरिया में बहुत ज़्यादा बर्फ मौझूद है, ध्यान से आगे बढ़ना
02:03इन वार्णिंग्स को रिसीफ करने के बाद, टाइटानिक अपने कोर्स को दो बार बढलती है डेंजर को अवाइड करने के लिए, लेकिन अपनी स्पीड को कम नहीं करती
02:1021.5 नॉड्स, जो की 40 किलोमेटर पर आवर के बराबर होता है, इतनी ही तेजी से ये जहाज आगे बढ़ता रहता है अपने लक्षे की ओर
02:182 दिन बाद, 14 एपरेल, 1912, 7 और आइस वार्णिंग्स दी जाती हैं, लेकिन कैप्टन स्मिथ और उनके क्रू इन वार्णिंग्स को एक नोड कर देते हैं, टाइटानिक की रफतार कम नहीं करते हैं
02:29धीरे धीरे सूरज ढल जाता है, रात हो जाती है, तापमान नीचे गिरता है, इस 14 एपरेल की रात के बारे में खास बात यह है कि चांद बाहर नहीं आया था, बिना मून के कोई मूनलाइट नहीं थी, तो विजिबिलिटी बहुत कम थी इस रात को, जहास के उपर एक क्रो
02:59थंड का साबना करना पड़ता है, बहुत तेज़ रफ़तार से थंडी हवाए वह रही थी, उपर से रात का समय था, और थंडी हवाओं की वजय से आखों से आसू भी आने लग जाते हैं, जिससे आगे देखना और भी मुश्किल हो जाता है, रात के ग्यारा बचके उन्त
03:29समने हमारे एक आइसबर्ग है, जल्दी से जहास को मोडो, फ़र्स्ट ओफिसर विलियम ब्रिज्ज पर बैठे, इस इंस्ट्रक्शन को सुनते हैं, और इंजिन रूम को संदेश देते हैं,
03:37कि जहास को लेफ्ट डारेक्शन में मोड दो, लेकिन अंफ़ोचिनेटली बहुत लेट हो चुका है, सिरफ एक मिनित बाद, ज्यारा बचके 40 मिनित, जहास जाकर इस आइसबर्ग से चक्रा जाता है.
04:07यह आइसबर्ग भी कोई चोटा-मोटा आइसबर्ग नहीं था, लेंथ में ये 200 बाई 400 फीट था, एक फूटबॉल फील जितना बड़ा, और हाइट में ये क्रोज नेस्ट तक आ रहा था, साइन्टिस्ट का एस्टिमेट है, कि इस आइसबर्ग का वजन, 1.5 मिलियन टंस �
04:37स्पेसिफिकली कहा जाये तो बो के पास हुआ, अब बो कौन सा हिस्सा होता है जहास का, इस फोटो में आप देख सकते हैं, कि ये सामने का ये वाला एरिया होता है बो, बो के उपर जो एरिया होता है, उसे स्टर्न कहते हैं, और उसके नीचे जो बाहर निकला हुआ पार्�
05:07बर्फ को इस्तिमाल करोगे तो हाँ, वो उससे मेटल नहीं कटेगा,
05:10लेकिन ये ध्यान रखीए कि एक बर्फ का पहाड, उसका खुद का वजन कितना होता है,
05:14अब कहने के लिए तो लकडी भी मेटल को नहीं काट सकती,
05:17लेकिन फिर भी आपकी मेटल की बनी गाड़ी जाकर पेड़ से टकरा कर पूरा चकना चूर हो सकती है,
05:22तो सिमिलरली क्योंकि इस आइसबर्क का वजन इतना था,
05:25क्योंकि इतना बड़ा था, इसने इस टाइटानिक जहास को बुरी तरीके से चोट पहुंचाए,
05:30कुछी सेकेंड्स बाद, कैप्टन स्मिथ और शिप के आर्किटेक थॉमस अंड्रियूस तुरंथ पहुंचे देखने के लिए,
05:36कि इस जहास को कितनी चोट पहुंची है इस इंपैक्ट की वज़ास।
05:39देखा तो उन्होंने रेलाइज किया कि ये जहास तो डूब जाएगा।
05:42वो कमप्लीटली शॉक हो गए इस चीज को देख कर।
05:45इन्हें लगता था कि ये जहास तो अंसिंकेबल है, कभी डूब नहीं सकता।
05:49वीडियो के शुरू में मैंने बताया था इस जहास को अंसिंकेबल माना जाता था
05:53क्योंकि इस जहास के अंदर सेफ़िटी फीचर्स कमाल के थे।
05:55दो में सेफ़िटी फीचर्स थे जिसकी वज़ासे इसे ऐसा माना जाता था।
05:59पहला इस जहास के अंदर एक डबल बॉटम हल था।
06:01हल जो होता है, वो जहास की में बॉडी को कहा जाता है।
06:04डबल बॉटम हल का मतलब है कि दो लेयर्स लगी हैं यहाँ पर।
06:07अगर नीचे से एक लेयर तूट भी गई, तो दूसरी लेयर बचा लेगी।
06:10और दूसरा, जो पूरी शिप की में बॉडी है, जो हल है, उसे 16 अलग-अलग वार्टर टाइट कमपार्टमेंट्स में डिवाइड किया गया है।
06:1616 मेंसे, 4 कमपार्टमेंट्स भी अगर पानी के भर गए, तो भी जहास तेरते रहेगा।
06:22जहास को कोई फरक नहीं पड़ेगा. लेकिन आइसबर्क से यह जो impact हुआ था, यह अक्शली में शिप के साइड में हुआ, तो वो जो डबल बॉटम हल था, वो किसी काम का नहीं रहा।
06:30साइड में तो single layer ही लगी थी. और दूसरा, यह impact इतना ज्यादा बड़ा था, कि 16 मेंसे 6 watertight compartments already breach हो चुके थे, उनमें पानी भर चुका था, limit चार तक की थी, 6 compartments का पानी से बढरने का मतलब था, कि इस जहास को अब डूबने से नहीं बचाया जा सकता, यह unsinkable जहास भी �
07:00हमारे signal को पगड़ ले और हमें बचाने आ जाएं, senior radio operator Jack Phillips, हमारी कहाणी के hero निकलते हैं, लगतार एक के बाद एक, वो distress signals भेचते रहते हैं, कोई response नहीं आता, और भेचते हैं, और भेचते हैं, कोई तो जहास होगा आसपास, जो सुन ले हमारे signal को, 20 मिनित बाद, 12
07:30प्रॉब्लम बस इतनी है, कि ये जहास पास था, लेकिन फिर भी 107 km दूर था, अगर ये अपनी टॉप स्पीड पर भी चल कर टाइटानिक की तरफ जाएगा, इसे टाइटानिक तक पहुँचने में, 3.5 गंटे का समय लग जाएगा, 3.5 गंटे में, क्या टाइटानिक का �
08:01पैसेंजर्स को अब एवाक्यूएट किया जाए,
08:03शिप में मौझूद लाइफ बोट्स का इस्तेमाल करके,
08:05प्रोटोकॉल के अनुसार, औरतों और बच्चों को
08:07पहली प्रयारिटी मिलेगी लाइफ बोट्स में बोर्ड करने की,
08:10जहाज में बैठे पैसेंजर्स की अगर बात की जाये,
08:12तो उन्हें ज्यादा डर नहीं लग रहा था,
08:14ज्यादातर पैसेंजर्स मानते थे कि
08:16टाइटानिक एक अन्सिंकिबल जहाज है,
08:18कोई चिंता करने की बात ही नहीं है,
08:19आखिर जो कमपनी ने एड्स निकाली थी,
08:21वो तो बार-बार यही कहे जा रही थी,
08:23तो हाँ, हम टकरा गए होंगे का इस्बर्क से,
08:25लेकिन जहाज नहीं डूबने वार।
08:26इसी रीजन से, जब पहली लाइफ बोट नीचे उतारी गई,
08:2965 लोगों की कपैसिटी थी,
08:31लेकिन सिर्फ 28 लोग उस लाइफ बोट में गए,
08:33आधी लाइफ बोट खाली नीचे उतरी,
08:35लेकिन टाइम के साथ-साथ,
08:37एक के बाद एक कमपार्टमेंट पानी से भरता गया,
08:39जहाज अब टिल्ट होने लगा,
08:41धीरे धीरे पैसिंजर्स ने रेलाइस करना शुरू किया,
08:43कि अक्शुली में ये जहास डूप सकता है,
08:45और जब पैसिंजर्स को ये रेलाइजेशन हुई,
08:47तो जबरदस्ट केउस हो गया,
08:49और पैनिक में लोग इदर-उदर भीर में भागने लगे.
08:53रात के एक बजे तक,
08:54पानी इतना ज़्यादा भर चुका था,
08:56जहास के आगे वाले कमपार्टमेंट्स में,
08:58कि जहास का जो आगे वाला हिस्सा था,
09:00जो वो था शिप का, वो पानी के अंदर डूबने लगा.
09:02इसकी वज़े से, जो पीछे वाला हिस्सा था,
09:05वो पानी के बहार आ गया.
09:06जो प्रोपेलर्स थे, वो पानी के बहार आ गया, पीछे से.
09:08जब जहास का टिल्ट इतना ज़्यादा हुआ,
09:10तो पूरी तरीके से हडबड़ी मच गई.
09:12लोग एक दूसरे के साथ लडने लगे,
09:14लाइफ बोट में बैठने के लिए.
09:15पुबलम ये थी कि लाइफ बोट की सक्त कमी थी जहास पर.
09:18सिर्फ 20 लाइफ बोट मौजूद थी.
09:20जिस पर अपरोक्समेटली सिर्फ 1200 लोग आ सकते थे.
09:23लेकिन जहास में 2200 के करीब लोग थे.
09:25रात के 2 बच के 5 मिनट,
09:27आखरी लाइफ बोट टाइटानिक से पानी में उतारी गई.
09:30लेकिन जहास में अभी भी 1500 लोग मौजूद थे.
09:33इस केउस के बीच कुछ लोगों ने कोशिश करी थी
09:36लाइफ बोट में अपनी जगहं चीनने की.
09:38कुछ लोगों ने अपने भाग्ये को मान लिया था
09:40और वो जहास में ही रुके रहे.
09:54आई-विटनेसिस के अनुसार, करीब 2 बच के 20 मिनट पर
09:57जहास 2 तुकडों में तूट गया.
09:59और फिर धीरे-धीरे पानी के अंदर डूब गया.
10:03इस कभी ना डूबने वाले जहास को पानी के अंदर डूबने में.
10:06जो 1500 लोग जहास पर मौजूद थे,
10:08वो या तो जहास के साथ पानी में डूब गए,
10:11या फिर जिन लोगों को तैरना आता था,
10:13वो हाइपो-थर्मिया की वज़े से मारे गए.
10:16इस टेंपरेचर पर अगर आप पानी में गिरोगे,
10:19तो कुछ मिन्टों के अंदर आपकी मौत हो जाएगी थंड की वज़े से.
10:22हाइपो-थर्मिया की वज़े से.
10:24टाइटानिक जहास के कैप्टेन एड़वर्ड स्मिथ कहा जाता है,
10:27अंद तक अपने वील पर ही बने रहे थे और जहास के साथ डूब गए.
10:31दूसरी तरफ कुछ लोगों का ये भी मानना है कि उन्होंने स्यूसाइड कर लिया था गोली चला कर अपने उपर.
10:36RMS कार्पीथिया जहास जो टाइटानिक के लोगों को बचाने निकला था,
10:40वो इस लोकेशन पर पहुँचता है 3.30-4 बजे के बीच.
10:44करीब एक घंटे लेट उन लोगों को बचाने के लिए जो जहास पर मौझूद थे.
10:48लेकिन जो लाइफ बोर्ट्स में लोग निकल गए थे जहास से,
10:51705 लोग थे, उन्हें ये जहास सक्सेस्फॉली बचा लेता है.
10:55इस टाइटानिक के डिजास्टर के बाद बहुत से सवाल उठे,
10:57कई कॉंट्रवर्सीज हुई, कई इंवेस्टिगेशन्स कराए गई,
11:00और कुछ ऐसी अंजान बाते सामने आए, जिसको लेकर सब लोग शॉक्ट रहे गए.
11:05कैसा लगेगा दोस्तो, अगर मैं आप से कहूं कि उस रात एक और जहास मौझूद था,
11:09टाइटानिक से सिरफ 37 किलोमेटर दूर,
11:12जो टाइम पर पहुँच सकता था, टाइटानिक में बैठे पैसिंजर को बचाने के लिए.
11:16यह बात सच है, उस जहास का नाम था एसेस कैलिफोर्नियन.
11:20टाइटानिक के आइसबर्ग से तक्राने से सिरफ एक गंटे पहले,
11:24आखरी मेसेज आइसबर्ग की वॉर्णिंग का एसेस कैलिफोर्नियन की तरफ से ही आया था.
11:29उन्होंने कहा था, साफधान रहना, इस समुदर में बहुत से आइसबर्ग से हैं यहां पर.
11:33उसके बाद करीब 11 बच के 15 मिनित पर रात के, कैलिफोर्नियन जहाज में जो रेडियो उपरेटर था, उसने अपना रेडियो आफ कर दिया था.
11:41कैलिफोर्नियन जहाज रात के लिए रुक गया था, वो उस समुदर में आगे नहीं चलना चाहा था.
11:47जहाज को रात के लिए रूक रखा था, रेडियो टर्न्ड औफ था, यही रीजन था कि कोई डिस्ट्रेस सिगनल नहीं पहुंच पाया इस जहाज था.
11:55लेकिन यह जहाज अक्शुली में टाइटानिक के इतने करीब था कि जो पैसिंजर्स डेक पर मौझूद थे टाइटानिक में, वो होराइजन पर इस कैलिफोर्नियन जहाज को देख सकते थे.
12:04जब टाइटानिक पर मौझूद उफिसर्स पैसिंजर्स को लाइफ बोर्ट्स में बिठाने लग रहे थे, तो एक उफिसर ने दूर देख कर कहा भी था कि वो देखो एक जहाज दूर दिखने लग रहा है, वो जल्द ही अमें बचाने पहुंच जाएगा, तो इतनी �
12:34लेकिन जो कैप्टिन लॉर्ड थे उस जहाज पर, उन्होंने कहा ये कोई डिस्ट्रेस सिग्नल नहीं,
12:38टाइटानिक में अमीर लोग जाते हैं, वो पाटी कर रहे होंगी.
12:41अगर उस रात कैलिफोनियन जहास के कैप्टिन लॉर्ड ने इन रॉकेट्स और फ्लेर्स को सीरियस्ली लिया होता,
12:47टाइटानिक में मौजूद कितने लोगों की जान बच सकती थी.
12:50अगले दिन सुभए, जब ये रेडियो आउन करते हैं, तब इन्हें SOS कॉल्स मिलती हैं टाइटानिक से,
12:55ये वहाँ पर पहुंचते हैं, लेकिन तब तक बहुत लेट हो चुका होता है.
12:58उन्हें सिर्फ डेड बॉडीज पानी में फ्लोट करती हुई दिखती हैं.
13:02दोनों इंक्वारीज जो करी गई थी इस इंवेस्टिगेशन में, वो कैलिफोनियन की कैप्टन स्टैनली लॉर्ड पर ब्लेम डालती हैं.
13:08लेकिन इतने बड़े डिजास्टर के पीछे, सिर्फ इन एक आदमी को ब्लेम नहीं किया जा सकता.
13:12और भी लोगों की गल्तियां थी.
13:14लाइफ बोर्ट्स वाला, जैसे मैंने बताया, सफिशेंट लाइफ बोर्ट्स रखी ही नहीं गई थी.
13:18क्योंकि जिस कमपणी ने जहास बनाय था, उन्हें लग रहा था कि ये जहास तो कभी डूब नहीं सकता, हमें यहाँ पर लाइफ बोर्ट्स की ज़रूरत नहीं हैं.
13:24इसके एलावा दूसरी चीज, टाइटानिक के जो कैप्टन थे, उन्होंने सेफ़्टी ड्रिल्स तक कंडक्ड नहीं करवाई थी.
13:29जिस दिन अक्शली मैं जाकर टाइटानिक ऐस्बर्ग से तक्राया, उस दिन एक सेफ़्टी ड्रिल होनी थी.
13:34लेकिन कैप्टन ने वो कैंसल कर दी, ये सोचकर कि इस जहास पर क्या ज़रूरत है, ये तो अंसिंकेबल जहास है.
13:39अगली बड़ी गलती थी, स्टियरिंग वील पर मौझूद स्टियर्समेन रॉबर्ट हिचन्स की, उस राज जब उपर से संदेस आया था कि सामने एक ऐस्बर्ग है,
13:47तो जो ओफिसर डेक पर मौझूद थे, उन्होंने इंस्ट्रक्शन दिया कि जहास को अक्शुली मैं लेफ्ट साइड की ओर टर्न कर लो.
13:53लेकिन पैनिक में आकर, रॉबर्ट हिचन्स ने इस मेसेच को मिस अंडर्स्टैंड कर लिया और उन्होंने जहास को राइट की तरफ मोड दिया.
14:01यह उल्टी डारेक्शन थी. यह आईसबर्ग के और करीब ले जा रही थी.
14:04जब तक इन्होंने अपनी गल्टी रेलाइस करी तब तक बहुत लेट हो चुका था.
14:08ब्रिटिश इंक्वारी ने ये भी पता लगाया कि टाइटानिक को इतनी सारी वार्णिंग्स दी गई थी
14:12कि आईसबर्ग हैं इस जगहें पे अराम से चलो, ध्यान रख कर चलो लेकिन फिर भी ये फूल स्पीड पर आगे बड़े जा रहा था जहास.
14:19ऐसा क्यों था? क्यों कैप्टन ने यहाँ पर स्पीड को धीरे नहीं किया?
14:22इसके पीछे कई थियोरीस बताई जाती हैं.
14:24एक पॉपिले थियोरी सजेश्ट करती है कि जोजिफ ब्रूस, जो की चेर्मेन और मैनेजिंग डारेक्टर थे वाइट स्टार लाइन के,
14:30जो जिस कमपनी ने टाइटानिक को बनाया था, उन्होंने कैप्टन स्मिथ को इंफ्लूएंस किया कि शिप की रफ़तार कम नहीं होनी चाहिए.
14:37प्रेशर बनाय रखा.
14:38कमपनी की तरफ से यहाँ पर जबर्दस प्रेशर था कि इस जहास को अपनी पहली जरणी को सिर्फ 6 दिन में ही कमप्लीट करना है, ताकि एक रिकॉर्ड तूट सकें.
14:47हम यह दिखा सकें कि जहास टाइटानिक ना सिर्फ सबसे महेंगा, सबसे बड़ा, बल्कि सबसे तेज जहास भी है.
14:53एक ऐसा इंसेरिंट हुआ था 14 अपरेल को दुपैर को 2 बजे, जब कैप्टन स्मिथ ने आईस वार्णिंग को देखा, और फिर जाकर जोजफ को दिखाया, कि देखो आईस वार्णिंग है, इसलिए हमें स्पीड कम कर लेनी चाहिए.
15:03लेकिन जोजफ ने इस पेपर को लिया, अपने पोकेट में रख दिया, ताकि लोगों को ना पता चले, क्रू मेंबर्स को ना पता चले, वो नहीं चाहते थे कि यहाँ पर जहास की स्पीड स्लो हो, इसे एक डिजास्टर ने दुनिया भर में इस इंडॉस्री को हमेशा के �
15:34एक ट्रीटी साइन करी गई, जिसने नए स्टैंडर्ड सेट किये, शिप्स को लेकर, जैसे की एक लाइफ बोर्ट रेगिलेशन बनाई गई,
15:41कि जितने भी जहास हैं, उन पर सफिशन्ट अमांट अफ लाइफ बोर्ट्स होनी चाहिए, हर पैसेंजर के लिए.
15:46टाइटानिक की जो रेकेज थी, जब टाइटानिक जहास डूबा, इस जहास को पानी के अंदर धूनने में 70 साल से ज्यादा का समय लग गया.
15:54इस सिरफ सेप्टेंबर 1985 में ही था, कि एक एमेरिकन ओशन एकस्प्लोरर रॉबर्ड बैलेट और एक फ्रेंच ओशियानो ग्रिफर इन्होंने जाकर टाइटानिक को समुदर के नीचे दूनदा.
16:05समुदर के नीचे 3,800 मीटर यानि 3.8 किलो मीटर नीचे इसकी रेकेज पाई गई. दो अलग अलग तुकड़े मिले इस शिप के. ये दोनों तुकड़े एक दूसरे से 600 मीटर दूर थे.
16:16आज के दिन इतने सालों बाद जो शिप पाणी के अंदर डूबी हुई पड़ी है, इन्वायमेंट ने इसे धीरे धीरे एरोड कर दिया है. अक्शुल शिप ऐसी दिक्ती थी और आज के दिन इस शिप का सिरफ इतना ही हिस्सा बचा है.
16:28रिपोर्ट किया गया है कि बैक्टीया और अलग-अलग और्गिनिजम्स इसके मेटल फ्रेमवर्क को खाय जा रहे हैं और एकस्पेक्ट किया जा रहा है कि साल 2030 तक ये शिप पूरी तरीके से गाइब हो जाएगी पाणी के अंदर.
16:39लेकिन आज के दिन, 110 सालों बाद भी, टाइटानिक को लेकर जो फैसिनेशन है, वो लोगों के मन में अभी भी जा रही है.
16:46साल 2012 में एक उस्ट्रेलियन बिलियनेर, क्लीफ पालवर ने प्लैन किया था कि वो टाइटानिक 2 बनाएंगे, एक उरिजिनल टाइटानिक जहाज का एक कॉपी कैट जहाज, लाइफ साइज्ड मॉडल, इन्होंने ये भी कहा कि वो सेम रूट पर चलेगा, और उस जहाज क
17:16टाइटानिक जहाज का, तो उसमें कोई टेलेविजिन, कोई वाईफाई नहीं होगा, और कोई अक्शुली में उसे यूज नहीं करना चाहेगा.
17:22तो हो सकता है ये अन्सिंकेबल टाइटानिक 2 जहाज, अपने बनने से पहले ही डूब गया.
17:27वीडियो पसंद आया है, तो बर्मुरा ट्राइंगल वाला वीडियो ज़रूर जाकर देखना, और एक और वीडियो जो मैं रेकॉमेंट करूँगा आपको, वो है MH370 वाला वीडियो.