ज़िंदगी में मच्छर ही मारने हैं, तो टैंक का क्या करोगे? || आचार्य प्रशांत (2024)

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#acharyaprashant

वीडियो जानकारी: 10.04.24,बोध प्रत्यूषा, ग्रेटर नॉएडा

प्रसंग:
~ प्रेम और इज़्ज़त बस किसके लिए ?
~ सिर्फ़ किसके आगे सर झुकना चाहिए ?
~ आत्मा के प्रति प्रेम है या नही कैसे समझ में आएगा ?
~ आध्यात्मिक आदमी के व्यवहार में क्या दिखाई देता है ?
~ किसी से प्रभावित क्यों नहीं होना है ?
~ अध्यात्म उनके लिए है जिन्हें छोटी जीत नहीं चाहिए।
~ गीता में मन नहीं लग रहा मतलब जीवन में चुनौती नहीं है।
~ अध्यात्म के लिए है जिन्हें बड़ी लड़ाई लड़नी है।
~ अध्यात्म महंगा नहीं होता हमारी ज़रूरतें बहुत छोटी होती हैं।
~ जो बड़े खिलाड़ी हैं उनको अपने ऊपर काम करने की ज़रूरत है।
~ गृहस्थ वह है जिसके जीवन में तुच्चई है।
~ छोटे आदमी और छोटी ज़िंदगी के लिए अध्यात्म नहीं है।
~ ऐसा प्रेम जो बंधनो के साथ किया जा सके वह बंधन ही है।
~ पंछी ज़िंदा तब है जब उड़ान ले।
~ क्या तुम्हारे प्रेम में कुछ ऐसा है जो तुम्हें तोड़े?
~ आदमी में दम कितना है यह देखना हो तो देखो कि वह सच कितना झेल पता है।
~ कुछ ऐसा करो जो बूते से बाहर का हो, देख लेना कृष्ण से प्रेम हो जाएगा।

सूरा सोई सराहिये, लड़े मुक्ति के हेत।
पुर्ज़ा पुर्ज़ा कट पड़े, तो भी ना छाड़े खेत।।
~ संत कबीर

सूरा के मैदान में, कायर का क्या काम।
सूरा से सूरा मिले, तब पूरा संग्राम।।
~ संत कबीर

सूरा नाम रखाय के, अब क्यों डरना वीर।
अड़े रहना मैदान में, सम्मुख सहना तीर।।
~ संत कबीर

संगीत: मिलिंद दाते
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