दुनिया ने बना दिया, और तुम बन गए? || आचार्य प्रशांत (2023)

  • 4 months ago
वीडियो जानकारी: 23.07.2023, संत सरिता, ग्रेटर नॉएडा

प्रसंग:

तेरा मेरा मनुवां कैसे एक होइ रे।

मैं कहता हौं आँखन देखी, तू कहता कागद की लेखी ।

मैं कहता सुरझावन हारी, तू राख्यो अरुझाई रे ॥

मैं कहता तू जागत रहियो, तू जाता है सोई रे ।

मैं कहता निरमोही रहियो, तू जाता है मोहि रे ॥

जुगन-जुगन समझावत हारा, कहा न मानत कोई रे।

तू तो रंगी फिरै बिहंगी, सब धन डारा खोई रे ॥

सतगुरु धारा निर्मल बाहै, बामे काया धोई रे ।

कहत कबीर सुनो भाई साधो, तब ही वैसा होई रे ॥

~ संत कबीर ~

~ हम दुनिया में रोज़ धोखा क्यों खाते हैं?
~ संतों के पास ऐसा क्या है कि वे आँखों में देख कर सब कुछ पढ़ लेते हैं?
~ दुनिया को कैसे परखें?
~ दुनिया की वास्तविकता क्या है?

संगीत: मिलिंद दाते
~~~~~

Recommended