मानसून से पहले नई सडक़ें, बारिश में टूटेंगी और दिवाली से पहले फिर होंगी चमाचम
  • 10 months ago
राजधानी में सडक़ों बनाने के नाम पर इंजीनियरों ने एक पारिस्थितिकी तंत्र को विकसित कर दिया है। यही वजह है हर वर्ष 400 करोड़ रुपए से अधिक खर्च होने के बाद भी शहर की सडक़ें चमाचम नहीं हो पाती।
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