पहले दौड़ती थी वाटर ट्रेन, चम्बल के पानी ने खोले समृद्धि के द्वार

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-अब हमें निभाना है फर्ज, अदा करना है नदी का कर्ज, जल बचाएंगे तो खुलेंगे किस्मत के द्वार

-भीलवाड़ा के लिए चम्बल परियोजना बनी वरदान, जनता को जलसंकट से मिली राहत

-विकास के खोले नए द्वार, उद्योगों को उड़ान भरने में बन रहा मददगार

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