गरीब का रक्षाबंधन | Hindi Kahani | Moral Stories | Hindi Stories | Bedtime Stories | Hindi Kahaniya
  • 3 years ago
श्रीधर और मालिनी प्रताप गढ़ में अपने दो बच्चे के साथ रह रहे थे, श्रीधर एक कुम्हार थे वो मिटी के बर्तन बनाकर ठेले पर आस पास के गांव में जाते थे, और आवाज लगा कर बेचते थे, श्रीधर इसी तरह दिनभर मेहनत करता और थोड़ा बहुत सामान बेच लेता था, और शाम को कमाए हुए पैसे अपने पत्नी को को दिया और बोला, मालिनी बच्चो का टूशन फी दे देना ---- और अधिक पूरी कहानी पढ़ने के लिए वीडियो लिंक पे क्लिक करे...
https://youtu.be/I-noCGu_B5A
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