विधानसभा चुनाव 2022: खैर विधानसभा का सियासी हाल II RLD के गढ़ में डंका बजाने की फिराक में गठजोड़ !

  • 3 years ago
खैर विधानसभा सीट का सियासी हाल !
देखिए कौन से दल की गलेगी दाल ?
क्या कहता है क्षेत्र की आवाम का मूड?
देखिए इस बार किसके पक्ष में दिख रहा माहौल ?
देखिए कौन सा दल खैर सीट पर बनेगा बाजीगर ?
किसकी सियासी रणनीति इस बार दिख रही पुख्ता ?
2022 में खैर सीट पर किसकी होगी बादशहात ?

अलीगढ़ जिले की खैर विधानसभा पर पंचायत चुनावों के बाद से ही माहौल गर्म दिख रहा है…पंचायत चुनावों के नतीजे आते ही विधानसभा चुनावों के समीकरणों को बैठाने का दौर चल रहा है ऐसे में सियासी पारा तो हाई है ही साथ ही आवाम भी उहापोह में दिख रही है…आइए एक नजर डालते हैं इस सीट के सियासी हालातों पर लेकिन पहले जान लेते हैं कि खैर का सियासी इतिहास क्या कहता है और 2002 से लेकर 2017 तक कौन सी पार्टी का इस सीट पर दबदबा रहा है…

2002 के चुनावों में इस सीट पर बीएसपी ने जीत दर्ज की थी
बीएसपी के टिकट पर प्रमोद गौर ने जीत दर्ज की थी
दूसरे नंबर पर 2002 में RLD उम्मीदवार सत्यपाल सिंह रहे थे
तीसरे स्थान पर समाजवादी पार्टी के नागेंद्र ने कब्जा किया था
और कांग्रेस के उम्मीदवार गंगाराम चौथे स्थान पर रहे थे
2007 के विधानसभा चुनावों में RLD उम्मीदवार सत्यपाल सिंह जीते
2007 में बीएसपी उम्मीदवार प्रमोद गौर दूसरे स्थान पर रहे थे
बीजेपी उम्मीदवार मीना कुमारी तीसरे स्थान पर रही थी
2007 में समाजवादी पार्टी के जगवीर सिंह चौथे स्थान पर रहे थे
2012 के चुनावों में RLD ने वापसी की और भगवती प्रसाद विधायक बने
बीएसपी उम्मीदवार राजरानी 2012 में दूसरे स्थान पर रही थी
बीजेपी उम्मीदवार अनूप 2012 में तीसरे स्थान पर रहे थे
जबकि समाजवादी पार्टी के गुरविंदर सिंह चौथे स्थान पर रहे थे

2017 में बीएसपी और बीजेपी में आमने सामने का मुकाबला हुआ
कड़े मुकाबले के बीच बीजेपी उम्मीदवार ने जीत का परचम लहराया

खैर सीट RLD का गढ़ माना जाता है…इस सीट पर सबसे ज्यादा RLD ने जीत दर्ज की है और एक बार फिर समीकरण RLD सपा गठजोड़ के पक्ष में दिख रहे हैं और इसके पीछे जो मुद्दे हैं वो भी खास है…इन मुद्दों की वजह से हालात एक दम स्थितियों से उलट देकने को मिल रहे हैं…
खैर सीट पर किसानों का मुद्दा हावी दिख रहा है
RLD ने किसानों के मुद्दे पर बीजेपी की हालत खराब कर दी है
हालांकि बीजेपी वापसी की कोशिश में तो लगी है
लेकिन बीजेपी की कोशिशे नाकाफी दिखाई दे रही है
बीएसपी की स्थिति भी ज्यादा बेहतर इस सीट पर नहीं है
2002 के बाद से बीएसपी जीत का इंतजार कर रही है
सपा गठजोड़ की राजनीति के सहारे मजबूती हासिल कर रही है
कांग्रेस की स्थिति कमोबेश हर सीट की तरह ही है

2022 के विधानसभा चुनावों से पहले स्थितियां गठजोड़ की राजनीति की सफलता की तरफ इशारा करती है और ये इशारा ही बताता है कि बीजेपी की स्थिति अच्छी नहीं है लेकिन देखना ये हैं कि गठजोड़ की सियासत अपने पक्ष के माहौल को जीत में कैसे तब्दील करती है…ब्यूरो रिपोर्ट

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