जितिन प्रसाद के बीजेपी में आने से योगी को क्यों है खतरा II देखिए इनसाइड स्टोरी !

  • 3 years ago

जितिन प्रसाद के बीजेपी में आते ही ढीले पड़े योगी !
जितिन ने ली एंट्री तो योगी आदित्यनाथ दिल्ली भागे !
क्या जितिन प्रसाद से है योगी आदित्यनाथ को खतरा ?
क्या केंद्र जितिन नाम के पत्ते पर चल रहा है तुरुप की चाल ?
आखिर जितिन के वेलकम सेरेमनी में क्यों नहीं आए योगी ?
आखिर यूपी प्रदेश अध्यक्ष भी मंच पर क्यों नहीं दिखे ?
क्या योगी को बिना जानकारी दिए हुआ ‘ऑपरेशन जितिन प्रसाद’ ?
यूपी की सियासत में जितिन के सहारे क्या करने वाली है बीजेपी ?
क्या बीजेपी बना रही है जितिन प्रसाद को एक बड़ा विकल्प ?
क्या योगी से नाराज केंद्र जितिन को बना रहा है एक मोहरा ?

यूपी में बीजेपी से पंडितों की नाराजगी और हावी होते ठाकुरवाद से केंद्रीय नेतृत्व काफी परेशान हैं और ऊपर से केंद्रीय नेतृत्व की बातों को अनुसुना करके योगी आदित्यनाथ ने आग में घी का काम किया है ऐसे में अब २०२२ को ध्यान में रखते हुए केंद्रीय नेतृत्व ने जितिन प्रसाद के रूप में एक ऐसा तुरुप का इक्का फेंका कि अब हेकड़ी दिखा रहे योगी आदित्यनाथ भी ढीले पड़ गए…दो दिन पहले तक जो योगी आदित्यनाथ केंद्र की हर बात को अनसुना कर रहे थे वो भले ही बेमन से लेकिन जितिन प्रसाद के बीजेपी में एंट्री लेने से ढीले पड़े और दिल्ली भी जा पहुंचे…ऐसे में बड़ा सवाल इस बात का है कि आखिर जितिन प्रसाद से योगी आदित्यनाथ को क्या खतरा है…तो सीएम के दिल्ली दरबार में माथा टेकने और जितिन प्रसाद के बीजेपी में आने की पूरी इनसाइड स्टोरी आज हम आपको बताएंगे…पूर्व केंद्रीय मंत्री और उत्तर प्रदेश के प्रमुख नेताओं में शुमार जितिन प्रसाद ने भी कांग्रेस का दामन छोड़कर उस संघ परिवार से जुड़ी बीजेपी का दामन थाम लिया…ये वही बीजेपी है जिससे कभी जितिन प्रसाद के पिता जितेंद्र प्रसाद यानी बाबा साहब और दूसरे पूर्वज लड़ते रहे हैं…जितिन प्रसाद का एकाएक ऐसे मौके पर बीजेपी में शामिल होना चौंकाता है वो भी तब जब उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और केंद्रीय नेतृत्व के बीच घमासान जगजाहिर हो चुका है, सिर्फ चौंकाता ही नहीं है बल्कि ये संकेत भी देता है कि प्रसाद को लाकर बीजेपी के केंद्रीय रणनीतिकारों ने एक ऐसा दांव खेला है जिससे एक तरफ कांग्रेस और उसके प्रथम परिवार की ताकत घटी है तो वहीं बीजेपी के भीतर योगी खेमा भी बैकफुट पर आ गया है…बीजेपी के ऑपरेशन जितिन ने एक तरफ तो कांग्रेस को चोट दी है, तो दूसरी तरफ पार्टी के भीतर ही बगावती मूड में चल रहे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को इस कदर असहज किया कि योगी आदित्यनाथ को अचानक दिल्ली आकर गृह मंत्री अमित शाह और जेपी नड्डा के अलावा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात के लिए मजबूर होना पड़ा…जितिन कार्ड ने योगी को क्यों असहज किया है इसका सबसे बड़ा संकेत है कि बुधवार को दिल्ली में जब जितिन प्रसाद को बीजेपी में शामिल किया गया तो उत्तर प्रदेश बीजेपी अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह या प्रदेश बीजेपी का कोई भी अन्य पदाधिकारी उस संवाददाता सम्मेलन में मंच पर मौजूद नहीं था…जबकि आमतौर पर जब भी किसी प्रदेश का कोई बड़ा नेता अगर दिल्ली में पार्टी में शामिल होता है तो केंद्रीय नेताओं के साथ उस प्रदेश के अध्यक्ष या कोई अन्य वरिष्ठ पदाधिकारी जरूर मंच पर मौजूद रहते हैं…याद करिए जब ज्योतिरादित्य सिंधिया बीजेपी में शामिल हुए थे…तब मध्यप्रदेश के बीजेपी नेता और प. बंगाल के नेताओं के बीजेपी में आने पर प. बंगाल बीजेपी के अध्यश्र दिलीप घोष और अन्य नेता मौजूद रहते थे…लेकिन जितिन प्रसाद के मामले में ऐसा देखने को नहीं मिला…इससे साफ संकेत है कि जितिन प्रसाद को

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