जुलाई में किसान फिर करेंगे हल्ला बोल II यूपी में पश्चिम बंगाल की तरह चलेगा अभियान !

  • 3 years ago
एक बार फिर हुंकार भरने के लिए किसान तैयार
कोरोना की गति थमी तो किसानों सक्रिय
बीजेपी के खिलाफ जुलाई से शुरू होगा महा अभियान
किसानों की तैयारी की खबर से सहमी दिख रही बीजेपी
पश्चिम बंगाल की तरह यूपी में किसान चलाएंगे अभियान
किसानों के यलगार की खबर से स्थितियां दिख रही है बिस्फोटक

उत्तर प्रदेश में एक बार फिर सियासी धमक की दस्तक तेज होती दिख रही है…किसान आंदोलन जुलाई से एक नई धार के साथ बीजेपी के खिलाफ हल्ला बोल करने के लिए तैयार है…किसानों की तरफ से अब कोरोना की रफ्तार थमते ही अपना आंदोलन तेज करने के संकेत मिले हैं…और किसान अब पश्चिम बंगाल की तर्ज पर उत्तर प्रदेश में हल्ला बोल करने की पूरी प्लानिंग कर रहे हैं…जानकारी के अनुसार, किसान संगठन सभी राज्यों से किसानों को दिल्ली की सीमाओं पर बुलाने की तैयारी में हैं…किसान नेताओं के अनुसार, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, पंजाब, मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़, महाराष्ट्र समेत कई राज्यों मे अनलॉक की प्रक्रियाएं शुरू हो गई हैं…दिल्ली भी धीरे-धीरे अनलॉक हो रही है…ऐसे में किसानों को अब दिल्ली आने में कोई परेशानी नहीं होगी…क्योंकि लॉकडाउन के कारण किसानों को दिल्ली में आने में दिक्कतें हो रही थी…अब स्थितियां धीरे-धीरे सामान्य होने से आंदोलन का रास्ता भी साफ हो रहा है…बस, ट्रेन और अपने वाहनों के जरिए किसान आसानी से धरना स्थल पर पहुंच सकेंगे…किसान नेताओं के अनुसार, सभी राज्यों से किसान दिल्ली कैसे आएंगे, दिल्ली की सीमाओं पर दोबारा आंदोलन कैसे खड़ा करना है और अगली रणनीति क्या हो, इन सवालों को लेकर जल्दी ही सभी संगठनों की एक बैठक भी सिंघु बॉर्डर पर होगी…किसान इसलिए भी आंदोलन फिर से तेज करना चाहते हैं क्योंकि उत्तर प्रदेश समेत कई राज्यों के विधानसभा चुनावों में बहुत ही कम समय बचा है…ऐसे में अगर आंदोलन तेज होता है तो बीजेपी को नुकसान होना तय है…किसानों का दावा है कि वे इस बार सरकार को झुका कर ही दम लेंगे…किसान नेता कहते हैं कि पंजाब और हरियाणा में जून के अंत तक धान की बुवाई पूरी हो जाएगी…उत्तर प्रदेश, मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ में पहली बारिश के साथ ही तेजी से खरीफ की फसल की बुवाई भी शुरू हो जाएगी…सभी राज्यों में पहली बारिश के साथ तेजी से बुवाई होगी…फिर किसान दिल्ली में जमा होना शुरू कर देंगे…दिल्ली की सीमाओं पर चल रहे किसान आंदोलन का असर यूपी, उत्तराखंड और पंजाब विधानसभा चुनावों पर भी दिखाई देगा…हाल ही में भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत ने कहा था कि किसान आंदोलन का उत्तर प्रदेश के चुनाव में भारी असर पड़ेगा…त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के नतीजों से भाजपा सरकार को अपनी रणनीति और नेता बदलने के लिए सोचना पड़ रहा है…अगर अब भी नहीं बदले तो इन्हें भारी खामियाजा भुगतना पड़ेगा…उन्होंने कहा था कि कृषि कानूनों के विरोध में पिछले छह महीने से जारी आंदोलन अभी चलेगा। आंदोलन अगले दो साल तक भी चल सकता है…केंद्र की मोदी सरकार को बीजेपी नहीं, बल्कि बड़ी-बड़ी कंपनियां चला रहीं हैं…इसीलिए भाजपा नेता किसानों से बात नहीं कर पा रहे हैं…उन्हें बोलने का अधिकार नहीं है…भाजपा नेता तो एक तरह से 'नजर बंद' हैं…किसान आंदोलन अभी लंबा चलेगा…बारिश आने वाली है, इसलिए आंदोलन कर रहे किसान झोपड़े की जगह पक्के मकान बनाएंगे…कृषि कानून के मसले पर किसान संगठनों और भारत सरकार के बीच कई दौर की बातचीत बेनतीजा रही है…सरकार ने किसान संगठनों से कृषि कानूनों को कुछ समय तक टालने की बात कही थी, लेकिन किसान संगठन उस पर भी राजी नहीं हुए थे…इसके बाद से ही दोनों पक्षों की तरफ से सख्त रुख अ

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