किसान आंदोलन अखिलेश यादव के लिए बनेगा तुरुप का इक्का II देखिए क्या है अखिलेश का गेम प्लान !

  • 3 years ago
2022 के लिए अखिलेश यादव का गेम प्लान
अखिलेश यादव ने संभाल के रखा है तुरुप का इक्का
बीजेपी को धोबी पछाड़ देने के लिए तैयार ‘टीपू’
साथियों को भी साधने में जुटे हैं अखिलेश यादव
रुठों को मनाने की भी हो रही है अब तैयारी
बड़े पैमाने पर सपा करेगी सियासी रण का आगाज़

उत्तर प्रदेश के 2022 विधानसभा चुनावों से पहले सियासी खेमेबाजी और सियासी जोड़तोड़ की राजनीति जोरों पर हैं लेकिन सपा इन सब से दूर एक ऐसी रणनीति के साथ तैयारी में जुटी है जो बीजेपी की हर चाल पर तुरुप का इक्का साबित होगी और सपा के सामने बीजेपी ताश के पत्तों सी बिखर जाएगी…अब तक अखिलेश यादव पर सवाल उठाने वाले अब अखिलेश यादव की सक्रियता की तारीफों के कसीदे गढ़ रहे हैं और दरबारी पत्रकार भी अखिलेश यादव के सामने हाजिरी देने लगे हैं क्योंकि प्रदेश की मौजूदा सियासी स्थिति से उन्हे साफ महसूस हो रहा है कि सपा बीजेपी को हराने का माद्दा रखती है…लेकिन इन सबसे परे अखिलेश यादव जिस रणनीति के तहत काम कर रहे हैं वो भी बेहद अहम है…और सपा की रणनीति को भांपने की कोशिश तो बीजेपी कर रही है लेकिन वो हर मोर्चे पर नाकाम हो रही है हालांकि बीजेपी सपा की स्थितियां तो नहीं भांप पा रही है लेकिन अपनी मजबूती के लिए हाथ पांव मार रही है…वहीं अखिलेश यादव भी अब नेताजी के पहलवानी दांव पेच लड़ा रहे हैं और बीजेपी को धोबी पछाड़ देने के लिए लगातार तैयारी कर रहे हैं…अखिलेश यादव ने 2022 विधानसभा चुनावों के लिए विशेष रणनीति के तहत कार्यकर्ताओं को तो सक्रिय किया ही है साथ ही अखिलेश यादव का गेम प्लान किसान आंदोलन से उपजे विरोध को हाथों-हाथ लेने का है…जाहिर है किसानों से जुड़ी पार्टियों की ओर उनका झुकाव अभी से दिखाई दे रहा है…यही वजह है कि पश्चिमी यूपी में भी अपनी साख गंवा चुकी राष्ट्रीय लोक दल को अखिलेश यादव लपके हुए हैं…किसान आंदोलन से पैदा हुए नए राजनीतिक समीकरणों के चलते उन्हें लगता है कि RLD अपने बड़े वोटबैंक को मोबलाइज कर सकती है…और इसका फायदा RLD को साथ लेकर 2022 में आसानी से लिया जा सकता है…यही वजह है कि RLD को साधने के लिए अखिलेश यादव सक्रिय है ही साथ ही 2019 लोकसभा चुनाव से लेकर उपचुनावों में भी सपा ने RLD का समर्थन किया है…और इसका एहसास खुद जयंत चौधरी को भी है…इसके अलावा किसान नेता राकेश टिकैत पर भी अखिलेश यादव नज़र बनाए हुए हैं…हालांकि राकेश टिकैत पर आम आदमी पार्टी भी डोरे डाल रही है और कांग्रेस भी कोशिश कर रही है कि टिकैत को अपने साथ लाया जाए ताकि 2022 में उत्तर प्रदेश में अपनी सियासी जमीन मजबूत की जा सके…लेकिन टिकैत को साधने में अखिलेश यादव सबसे आगे दिख रहे हैं और मजबूती भी दिखाई दे रही है…किसानों को साधने के बाद अखिलेश यादव की नजर अन्य पिछड़ा वर्गों के वोटबैंक पर भी है…जिनके सहारे बीजेपी ने 2017 में सत्ता उलट पुलट की थी और अब अखिलेश यादव इस वर्ग के वोटों को बेहतरी के साथ साध रहे हैं…उधर केशव देव मार्या की पार्टी महान दल कुशवाहा, मौर्य, सैनी और शाक्य जातियों के बीच पॉपुलर है…जिसके सहारे अखिलेश यादव अपना गेम प्लान कर आगे बढ़ रहे हैं जिस तरह से अखिलेश यादव ने अपना अभियान शुरू किया है वो आगामी वक्त में सपा के लिए बेहतरी का संकेत देता है लेकिन इसके अलावा कई जगह पार्टी में गुटबाजी भी दिख रही है जिसे साधना भी अखिलेश यादव के लिए जरूरी है…ब्य़ूरो रिपोर्ट

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