गरीब की मकर संक्रांति - Stories in Hindi | Hindi Kahaniya | Moral Stories | Stories

  • 3 years ago
Video Link: https://youtu.be/YqPu7y1fhlU


Story-

सुनीता एक गरीब लड़की थी काफी साल पहले उसके पिता का देहांत हो गया था। वो अपनी मां के साथ रहती थी। उसकी मां दूसरों के घरों में झाड़ू पोछा और बर्तन मांजने का काम करती थी। उनका गुजारा बड़ी मुश्किल से होता था। इसलिए सुनीता भी अपनी मां का बोझ कम करने के लिए सड़क पर छोटे छोटे सामान बेचा करती थी। जनवरी का महीना था इस साल ठंड कुछ ज्यादा ही बढ़ रही थी। सुनीता की मां के पास एक ही स्वेटर था और वो भी कई जगह से फटा हुआ था। वो ठंड से कांपती हुई सुबह सुबह काम पर जाती है। मकर संक्रांति आने वाली थी इसलिए सुनीता ने अपने हाथों से बेचने के लिए सुंदर सुंदर पतंगें बनाई थी। काश इस बार मिली सारी पतंगें बिछड़े फिर उन पैसों से मैं माँ के लिए नया स्वेटर खरीद दूंगी। इस कड़ाके की ठंड में भी गुजरी मां को स्वेटर पहन कर काम पर जाना पड़ता है। कहीं मां बीमार न पड़ जाए। सर्जरी के लिए थोड़े से पैसे तो पहले जमा हो गए हैं


आगे की पूरी कहानी जानने के लिए वीडियो को देखे


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✿The following video contains some horror elements suitable for a mature audience.

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