बोनमैरो ट्रांसप्लांट से बचाया कैंसर रोगी को

  • 3 years ago
JAIPUR कोरोना काल में अन्य बीमारियों से ग्रसित मरीजों को बड़ी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। इसी बीच एक मरीज को महात्मा गांधी अस्पताल में जीवनदान मिला है। अस्पताल के श्रीराम कैंसर सेंटर के चिकित्सकों की टीम ने बोनमैरो प्रत्यारोपण करने में सफलता अर्जित की है। वरिष्ठ ओन्कोलॉजिस्ट डॉ. अजय यादव ने बताया कि विजयनगर अजमेर निवासी रोगी में मल्टीपल मायलोमा बीमारी का पता लगा जो कि एक प्रकार की अस्थि मज्जा का कैंसर होता है । इसमें अस्थि मज्जा में खून के साथ-साथ कैंसर की कोशिकाएं पनपने लगती है। मरीज को हड्डियों में तेज दर्द की शिकायत रहती थी। इसके सीने के हिस्से में गांठ भी हो गई थी। इस बीमारी में हड्डियां कमजोर होने लगती है। बार-बार संक्रमण की शिकायत रहती है। ऐसे में इस रोगी की कीमोथेरेपी शुरू की, जिसमें बीमारी पर शुरुआत में नियंत्रण पा लिया गया, इसके बाद मरीज के खुद का आटोलोगस स्टेम सेल ट्रांसप्लांट किया गया। लगभग एक माह तक आइसोलेशन में भर्ती रहने के बाद मरीज को स्वस्थ अवस्था में छुट्टी दे दी गई।

हिमेटोलॉजिस्ट डॉ नवीन गुप्ता ने बताया कि आटोलोगस स्टेम सेल ट्रांसप्लांट से पहले रोगी स्टैम सेल को एकत्रित किया जाता है इसके बाद हाई डोज कीमोथेरेपी देकर हड्डियों से कैंसर को नष्ट किया जाता है। रक्त निर्माण करने वाली स्टैम सेल रोगी के शरीर में खून की तरह चढ़ाया जाता है। अस्थि मज्जा पुनः संरचना होने में 2 से 3 सप्ताह का समय लगता है। इस दौरान रोगी की प्रतिरोधकता बेहद कम हो जाती है और उसे गहन आइसोलेशन में रखने की जरूरत होती है।

श्रीराम कैंसर सेंटर के निदेशक तथा मेडिकल ऑंकोलॉजी विभागाध्यक्ष डॉ. हेमंत मल्होत्रा ने बताया कि बोन मैरो प्रत्यारोपण सेवाएं देश एवं राज्य के चुनिंदा केंद्रों पर ही उपलब्ध है। मेट्रो सिटीज में जहां उपचार खर्च अधिक होता है वहीं लम्बी वेटिंग लिस्ट भी एक समस्या बन जाती है।

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