कोविड के लिए L2, L1 अस्पतालों का नहीं कर रहे मरीज इस्तेमाल
  • 3 years ago
यूपी के फर्रुखाबाद जिले में करोड़ों रुपए खर्च किए जाने के बाद सरकारी स्वास्थ्य सेवाएं कोरोना संक्रमितों का विश्वास नहीं जीत सकी हैं.अभी भी हालात ये हैं कि जनपद में वर्तमान में 200 से अधिक मरीज कोरोना से पीड़ित है. इसके बावजूद जनपद मुख्यालय पर स्थित L-2 अस्पताल में मात्र 7 मरीज भर्ती हैं इन्हीं हालात के चलते जिला प्रशासन ने L-1 बंद करना पड़ा.

महामारी के प्रकोप के दौरान शासन की ओर से जनपद में पहले L-1 व बाद में L-2 अस्पताल की स्थापना की गई.हालांकि केंद्र सरकार की ओर से कोरोना वायरस को होम आइसोलेशन का विकल्प दिए जाने के बाद से ही लोगों की सरकारी स्वास्थ्य सेवाएं में आस्था का भंडा फूट गया. अधिकांश लोगों ने सरकारी अस्पतालों को धता बताकर घरों पर ही रहकर इलाज कर को प्राथमिकता देनी शुरू की.

इसके पीछे L-1 अस्पताल में मरीजों को मिलने वाले खाने में वार्डों में सफाई की खराब व्यवस्था की शिकायतें भी जिम्मेदार रही.शुरु में तो कोविड एंड कंट्रोल सेंटर में होम आइसोलेशन में रह रहे मरीजों का फोन भी किए जाते रहे.

हालांकि अब इस में ढिलाई बरती जा रही है वर्तमान में जनपद में 200 से अधिक एक्टिव कोरोना संक्रमित है. इसके बावजूद कोरोना मरीजों के लिए अब जनपद में संचालित एकमात्र L-2 में कुल 7 ही मरीज हैं. शेष अपने घरों में ही आइसोलेशन में है.यह हालत तब है जबकि L-2 अस्पताल की तैयारी में डेढ़ करोड़ का बजट खर्च हो चुका है. इसके अलावा शासन से प्राप्त 4 पोर्टेबल वेंटिलेटर और बिरदर भी स्थापित हैं.हालांकि अभी तक यहां पर ऑक्सीजन सप्लाई की लाइन नहीं पढ़ सकी है.

वहीं सीएमओ वंदना सिंह ने बताया कि हमारे फरुखाबाद में स्वास्थ्य सेवाएं बेहतर ढंग से चल रही है.कोरोना मरीजों का विशेष ध्यान रखा जा रहा है. होम आइसोलेशन मरीजों के का भी बहुत ध्यान रखा जा रहा है.वहीं जब करोड़ों खर्च कर सरकारी सेवा संक्रमितों का नहीं जीत सकी विश्वास - इस सवाल पर उन्होंने जवाब देना उचित नहीं समझा
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