ग्रामीण क्षेत्रों में आज भी मौजूद है बरसों पुरानी परंपराएं, कैसे खेलते हैं आग के साथ यह गोढ़ले

  • 4 years ago
भारत देश मान्यताओं एवं परंपराओं का देश है। यहां पर आज भी बरसों पुरानी धार्मिक परंपराएं एवं मान्यताएं ग्रामीण क्षेत्रों में मौजूद है जहां पर हर मंदिर एवं देवरो पर सेवा देने वाले पांडे एवं भोपे (गोढले) इन परंपराओं को जीवित रखे हुए हैं. प्रतिवर्ष नवरात्रि के अंतिम दिवस एवं दशहरे के उत्सव पर भाव के रूप में मंदिर पर उत्सव मनाते हैं जिसमें ग्रामीण क्षेत्रों के सैकड़ों की तादाद में आस्था का सैलाब उमड़ता है। पुरातन काल से चली आ रही परंपराएं आज भी जीवित है जिसमें हाथ में खप्पर के रूप में आग को लेकर छाती में तलवार, सांकल अपनी पीठ पर जोर-जोर से मारते हैं तथा साथ ही आने वाले समय के बारे में भी इनसे आमजन जमाने के बारे में पूछते हैं।

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