वार्ड के चुनाव में वादे छोटे होते हैं देखिये कार्टूनिस्ट सुधाकर का नज़रिया.
  • 4 years ago
जैसे-जैसे 6 नगर निगमों में चुनाव की तारीख नजदीक आ रही है, वैसे वैसे ही चुनाव प्रचार तेज होता जा रहा है. क्योंकि यह वार्ड के चुनाव हैं, इसलिए प्रत्याशी लोगों से घर-घर जाकर व्यक्तिगत रूप से संपर्क करने पर जोर दे रहे हैं .उम्मीदवारों का दिनभर जनसंपर्क का कार्यक्रम ही चलता रहता है. जनसंपर्क के दौरान प्रत्याशियों को स्थानीय लोग जो समस्याएं बता रहे हैं ,वे उन्हें पूरा करने का आश्वासन दे रहे हैं. साथ ही वार्ड की जो प्रमुख स्थाई समस्याएं हैं ,उनको दूर करने के बारे में भी लोगों से बातें कर रहे हैं. मगर मुश्किल इन प्रत्याशियों के लिए खड़ी हो रही है जो सिर्फ नाम और पैसा कमाने के लिए चुनाव में खड़े हो गए,मगर उन्हें अपने क्षेत्र की समस्याओं के बारे में जानकारी नहीं है.ऐसे लोग वादे करने के चक्कर में इस तरह के उटपटांग वादे भी कर देते हैं जो कि एक प्रत्याशी के लिए पूरे करना सम्भव नहीं होता.इसलिए यह जरूरी है कि चुनाव लड़ने वाले हर प्रत्याशी को अपने क्षेत्र की मूलभूत समस्याओं के बारे में पूरी जानकारी हो ताकि जीतने के बाद वह उन समस्याओं को दूर कर सके. देखिए कार्टूनिस्ट सुधाकर सोनी का ये कार्टून.
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