17 अक्टूबर से लग रहे शारदीय नवरात्र, जाने क्या है खास

  • 4 years ago
शारदीय नवरात्र इस बार शनिवार 17 अक्टूबर से शुरू हो रहे हैं। करीब 58 साल बाद इस बार नवरात्र में ऐसा शुभ योग लग रहा है जब गुरू और शनि अपनी राशि में होंगे। इससे पहले यह योग 1962 में लगा था। आश्विन मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि से शुरू होने जा रहे नवरात्रों में मां दुर्गा के नौ स्वरूपों की पूजा का प्रारंभ होगा। नवरात्रि का हर दिन मां दुर्गा के 9 अलग-अलग स्वरूपों को समर्पित होता है। ज्योतिषविद भारत ज्ञान भूषण के अनुसार इस बार नवरात्रि में 58 साल बाद एक बहुत ही शुभ संयोग बनने जा रहा है। नवरात्र पूजन से लेकर घटस्‍थापना तक सभी योग और ग्रह शुभ माने जा रहे हैं। ज्योतिष भारत भूषण के अनुसार इस बार नवरात्रि के मौके पर पूरे 58 साल बाद शनि अपनी स्वराशि मकर और गुरु अपनी स्वराशि धनु में रहेंगे। इसके अलावा घटस्थापना पर भी विशेष संयोग बन रहा है। नवरात्रि का पहला दिन मां शैलपुत्री के नाम है। इस दिन घटस्थापना भी की जाती है। इस दिन जौ बोएं जाते हैं और कई लागे अखंड ज्योति भी प्रज्‍वलित करते हैं। इस वर्ष घटस्थापना का शुभ मुहूर्त शनिवार, 17 अक्टूबर 2020 को सुबह 6 बजकर 10 मिनट से प्रारंभ है।
घर पर ही कलश स्थापना के साथ पूजन :—
इस बार कोरोना संक्रमण के चलते देवी के भक्तों ने मंदिरों से दूरी बनाने का फैसला किया है। वहीं घरों में कलश स्थापना के साथ ही पूरे नौ दिन देवी की पूजा—अर्चना घरों में ही करने का फैसला लिया है। श्रद्धालुगण पंडितों से कलश स्थापना का शुभ मुहूर्त पूछ रहे हैं और उसी मुहूर्त के अनुसार कलश की स्थापना करेंगे।
ये है कलश स्थापना का शुभ मुहूर्त:—
नवरात्र के प्रथम दिन कलश स्थापना का शुभ मुहूर्त प्रात: 6:27 से 10:13 तक रहेगा। उसके बाद अभिजीत मुहूर्त सुबह 11:44 बजे से 12:29 बजे तक रहेगा। इन्हीं दोनों मुहूर्त में कलश स्थापना करना शुभ माना जा रहा है।

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