न्यू इण्डिया का यह किसान अपनी उन्नत खेती की सोच से बन रहा करोड़पति
  • 4 years ago
आज किसानों की आय दोगुनी होने की बात हो रही है और सरकार इस दिशा में योजनायें भी बना रही है लेकिन इन सब बातों से दूर बाराबंकी का एक किसान अपनी सफलता की कहानी खुद लिख रहा है । यह सिर्फ खेती से खुद करोड़पति नही बन रहा बल्कि अन्य ग्रामीणों को भी अपनी तकनीक से परिचित करा कर उन्हें स्वावलम्बी और धनाढय बनाने का भागीरथी प्रयास भी कर रहा है । आज यह युवा किसान न किसी सरकार के सहारे रह रहा है और न उनसे किसी प्रकार के सहयोग की अपेक्षा करता है क्योंकि इसे अपनी तकनीक और मेहनत पर पूरा भरोसा है । उसी के दम पर आज यह खेती में नए - नए कीर्तिमान स्थामित कर रहा है ।
उत्तम खेती मध्यम बान, नीच चाकरी कुक्कर निदान अर्थात उत्तम खेती (कृषि कार्य )हमारे समाज में सर्वोत्तम कार्य है, माध्यम बान( व्यापार) – व्यापार को मध्यम स्तर का कार्य कहा गया है । महाकवि घाघ की यह कहावत आज बाराबंकी के दौलतपुर का एक किसान सच साबित कर रहा है । दौलतपुर कभी अमिताभ बच्चन की जमीन को लेकर सुर्खियों में रहने वाला गांव फिर चर्चा में है। चर्चा की वजह फिर खेत हैं, लेकिन इस बारे में बातें किसानों के बीच हो रही हैं। दौलतपुर गांव का एक किसान अपने खेतों में मुनाफे की फसल की वजह से इस गाँव को फिर चर्चा में ले आया है, इस नौजवान की खेती को देखने कई जिलों से लोग आते हैं।
लखनऊ विश्वविद्यालय और फैजाबाद से पढ़ाई करने वाले अमरेंद्र प्रताप सिंह बाराबंकी में सूरतगंज ब्लॉक के दौलतपुर गांव में केले, तरबूज, मशरूम, खरबूजा, हल्दी और खीरा समेत करीब एक दर्जन फसलों की खेती करते हैं। इस इलाके के बाकी किसानों की तरह उनके घर में पारंपरिक तरीकों से खेती होती थी, लेकिन जिस अनुपात में खेती थी, उसके मुकाबले आमदनी काफी कम थीं। लेकिन 3-4 साल पहले जब से खेती की कमान इन्होंने संभाली, खेती के मायने और मुनाफे के नंबर बदल गए हैं। पहले जहां पूरे साल में 15-20 लाख रुपए मिलते थे, अब एक फसल ही इतने रुपए देकर जाती है। अमरेन्द्र आज अपनी पारिवारिक तौर पर की जाने वाली पारम्परिक खेती से इतर नयी खेती , नयी तकनीक के साथ करके किसानों के लिए आदर्श बनने की ओर अग्रसर हैं ।
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