राम मंदिर के बाद अब कृष्ण मंदिर की बारी
  • 4 years ago
जिले के स्थानीय कोर्ट में दायर की गई याचिका के जरिये 13.37 एकड़ की कृष्ण जन्मभूमि का स्वामित्व मांगा । अयोध्या मुकदमे में विजयी हुए राम लला विराजमान के बाद अब श्रीकृष्ण विराजमान ने भी अदालत का दरवाजा खटखटाया है । मथुरा की अदालत में एक सिविल मुकदमा दायर कर श्री कृष्ण विराजमान ने अपनी जन्मभूमि मुक्त कराने की गुहार लगाई है ।
भगवान श्री राम मंदिर के भूमि पूजन के बाद अब मथुरा श्री कृष्ण जन्मस्थान मंदिर की भूमि को मुक्त कराने के लिए जिला न्यायालय में एक याचिका दायर कराई गई है । इस याचिका के जरिये 13.37 एकड़ की कृष्ण जन्मभूमि का स्वामित्व मांगा है जिस पर मुगल काल में कब्ज़ा कर शाही ईदगाह बना दी गई थी । शाही ईदगाह मस्जिद को हटाने की मांग की गई है ।
ये वाद भगवान श्रीकृष्ण विराजमान, कटरा केशव देव खेवट, मौजा मथुरा बाजार शहर की ओर से उनकी अंतरंग सखी के रूप में अधिवक्ता रंजना अग्निहोत्री और छह अन्य भक्तों ने दाखिल किया है । हालांकि, प्लेसेज ऑफ वर्शिप एक्ट 1991 इस मामले के आड़े आ रहा है । इस एक्ट के जरिये विवादित राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद मुकदमेबाजी को लेकर मालकिना हक पर मुकदमे में छूट दी गई थी । अलबत्ता, मथुरा-काशी समेत सभी धार्मिक या आस्था स्थलों के विवादों पर मुकदमेबाजी से रोक दिया गया था । अभी कुछ दिन पहले प्रयागराज में अखाड़ा परिषद की बैठक में साधु-संत मथुरा कृष्ण जन्मभूमि और काशी विश्वनाथ मंदिर को लेकर चर्चा की थी ।इसमें संतों ने काशी-मथुरा के लिए लामबंदी शुरू करने की कोशि‍श की है ।
भगवान श्रीकृष्ण जन्मस्थान के सदस्य गोपेश्वर नाथ चतुर्वेदी से जब बात की तो उन्होंने बताया मंदिर फाउंडेशन के ऊपर मस्जिद को खड़ा किया गया है पहले यहां मंदिर था औरंगजेब के समय मंदिर को तोड़ा गया और उस पर इस शाही ईदगाह को बनवाया गया आप अगर इसकी खुदाई करवाते हैं तो आप देखेंगे के मंदिर के जो पत्थर लगे हुए हैं फाउंडेशन में वह ईदगाह की दीवार से प्राप्त होंगे । उन्होंने कहा कि मंदिर तोड़कर मस्जिद इसलिए बनाई गई कि हिंदू यहां आए हैं और अपने आप को अपमानित महसूस करें ।
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