हादसे में गंवाए दोनों हाथ, फिर भी है कुछ कर गुजरने का हौसला
  • 4 years ago
हादसे में गंवाए दोनों हाथ, फिर भी है कुछ कर गुजरने का हौसला
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कन्नौज। थककर वो बैठ जाते हैं, जिनकी कोशिशें नाकाम होती है। लेकिन अगर कुछ कर गुजरने का हौसला हो तो कुछ भी काम असंभव नहीं है। ऐसा ही कुछ कारनामा 14 वर्षीय किशोर गोपाल दीक्षित ने कर दिखाया है। एक हादसे में दोनों हाथ गंवाने के बाद गोपाल ने हार नहीं मानी। अपने दोनों पैरों को हाथ बनाकर पढ़ाई को जारी रखा। कड़ी मेहनत से किशोर ने पैरों से लिखने में महारथ हासिल कर ली। इतना ही नहीं वह पैरों से पेंटिंग भी बना लेता है, जिसको देखकर हाथ वाले भी अचरज में पढ़ जाते है। गोपाल अपने पैरों की मदद से अंग्रेजी, हिन्दी व संस्कृत लिख लेता है। भारतीय संस्कृति ज्ञान परीक्षा में उत्तीर्ण होकर अपने हुनर को लोहा मनवा दिया।
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