किसानों के धरनास्थल पर सेल्फी लेते युवा किसान की मौत
  • 4 years ago
किसानों के धरनास्थल पर सेल्फी लेते युवा किसान की मौत

- जांच में कोरोना संक्रमित निकला मृतक, धरनास्थल से किसान गांवों को लौटे

- एम्स में दुबारा जांच कराने की मांग पर अड़े पूर्व विधायक व किसान नेता

जोधपुर.
बिजली संबंधी विभिन्न मांगों को लेकर माणकलाव में धरना देने के दौरान एक युवक की तबीयत बिगड़ गई व मथुरादास माथुर अस्पताल में उसकी मृत्यु हो गई। मृत्यु उपरांत जांच में कोरोना पॉजिटिव निकलने पर किसान नेताओं ने संदेह व्यक्त किया और एम्स में दुबारा जांच की मांग को लेकर मोर्चरी के बाहर धरने पर बैठ गए। उधर, स्वास्थ्य विभाग सैम्पल लेने धरनास्थल पहुंची तो किसान गांवों को लौट गए।

पुलिस व किसान नेताओं के अनुसार विभिन्न मांगों के निस्तारण को लेकर जिले के किसानों ने माणकलाव में पड़ाव डालकर धरना दे रखा है। धरनास्थल में ओसियां थानान्तर्गत माण्डियाई कला गांव निवासी पुखराज डोगियाल (२२) पुत्र तेजाराम जाट भी शामिल था। वह शुक्रवार देर रात धरनास्थल पर अपने मोबाइल से बैठे-बैठे ही सेल्फी ले रहा था। इसी दौरान अचानक उसकी तबीयत खराब हो गई। वह अचेत होकर वहीं गिर गया। किसान नेता उसे अस्पताल लेकर रवाना हुए। मथुरादास माथुर अस्पताल के ट्रोमा सेंटर लाए जाने पर पुखराज को मृत घोषित कर दिया गया। किसान नेताओं का मानना है कि संभवत: हार्ट अटैक से उसकी मृत्यु हुई। कोविड-१९ की जांच के लिए सैम्पल लेकर शव मोर्चरी में रखवा दिया गया। मृतक ओसियां के राजकीय महाविद्यालय का छात्र था और छात्र नेता के रूप में सक्रिय था।
कोरोना पॉजिटिव निकला मृतक, रिपोर्ट पर जताया संदेह

धरनास्थल पर तबीयत बिगडऩे से छात्र नेता की मृत्यु का पता लगते ही किसान नेता व अन्य लोग मोर्चरी के बाहर जमा होने लग गए। ओसियां के पूर्व विधायक भैराराम सियोल, आरएलपी के प्रदेशाध्यक्ष राजूराम खोजा भी मोर्चरी पहुंचे। इस बीच, दोपहर में कोविड-१९ जांच रिपोर्ट में मृतक के पॉजिटिव होने का पता लगा। किसान नेताओं ने रिपोर्ट पर संदेह व्यक्त किया। उन्होंने किसान आंदोलन को समाप्त करने के लिए पॉजिटिव रिपोर्ट बनाने का आरोप लगाया और केन्द्र के अधीन एम्स से दुबारा जांच की मांग करने लगे। पुलिस व प्रशासनिक अधिकारियों ने समझाइश की, लेकिन वे एम्स में दुबारा जांच की मांग पर अड़ गए।

इन मांगों पर अड़े किसान नेता
पूर्व विधायक भैराराम सियोल ने बताया कि आंदोलन के दौरान मृत्यु होने से मृतक को शहीद का दर्जा दिया जाए। परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी, मृतक के आश्रित को आर्थिक मुआवजा दिया जाए। साथ ही किसानों के खिलाफ दर्ज एफआइआर वापस ली जाए।


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