प्रशासन की बंदिश तोड़ आखिर सत्यमेव के घर पहुंच गए कांग्रेसी

  • 4 years ago
दलित प्रधान सत्यमेव जयते हत्याकांड पर सियासत का खेल जारी है। लंबे समय से मृतक के घर पहुंचने की जद्दोजहद में भले ही कई दल नाकाम रहे हों लेकिन शुक्रवार को कांग्रेसी राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी का संदेश और उनके द्वारा भेजी गयी सहायता प्रधान के परिवार तक पहुंचाने में सफल रहे। कांग्रेस के इस कदम की जहां जोरदार चर्चा है वहीं सपा अपने ही गढ़ में बैकफुट पर दिख रही है।
बता दें कि तरवां थाना क्षेत्र के बांसगांव के प्रधान सत्यमेव जयते की 14 अगस्त की शाम दबंगों ने गोली मारकर हत्या कर दी थी। इस घटना के बाद रासेपुर बोंगरिया चैकी में जमकर तोड़फोड़ हुई। प्रदर्शन के दौरान वाहन की चपेप में आने से एक किशोर की मौत हो गयी थी। इस मामले को लेकर सियासत चरम पर है। 20 अगस्त को सबसे पहले कांग्रेस प्रतिनिधिमंडल राज्यसभा सदस्य बलिहारी बाबू व महाराष्ट्र प्रांत के ऊर्जा मंत्री नितिन राउत के नेतृत्व में प्रधान के घर जाने का प्रयास किया था लेकिन प्रशासन ने कानून व्यवस्था का हवाला देते हुए सभी को सर्किट हाउस में नजरबंद कर दिया था। इसी दिन भीम आर्मी के चीफ चंद्रशेखर आजाद भी आजमगढ़ पहुंचे लेकिन उन्हें आजमगढ-अंबेडकर नगर के बार्डर से आगे लोहरा गांव के पास रोक दिया गया था। इसके बाद उनके समर्थकों ने जमकर हंगामा किया था।
इसके बाद पूर्व सीएम अखिलेश यादव के निर्देश पर सपाइयों का प्रतिनिधिमंडल पूर्व सांसद बलिहारी बाबू के नेतृत्व में प्रधान के घर जाने का प्रयास किया लेकिन पुलिस ने उन्हें सिधारी थाना क्षेत्र के इटौरा के आगे नहीं बढ़ने दिया। चंद्रशेख आजाद व सपाइयों के खिलाफ पुलिस ने प्राथमिकी भी दर्ज करायी। इसी बीच कांग्रेसी शुक्रवार को अनुसूचित जाति प्रकोष्ठ कांग्रेस आलोक प्रसाद के नेतृत्व में एक बार फिर बांस गांव के लिए रवाना हो गए। पुलिस को इसकी भनक भी नहीं लगी और कांग्रेसी मृत प्रधान के घर पहुंच गए। यहां उन्होंने मृत प्रधान की पत्नी और किशोर के पिता को प्रियंका गांधी का संदेश दिया साथ ही दोनों परिवारों को प्रियंका गांधी द्वारा भेजी गयी एक-एक लाख रूपये की आर्थिक सहायता दी।

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