कोरोना योद्धाओं के सम्मान व जन-जागरूकता के लिए बनाई रंगोली, वर्ल्ड रिकॉर्ड इंडिया में नाम दर्ज
  • 4 years ago
जिले की बेटियों ने एक बार एक बार फिर लोगों को मुस्कुराने का अवसर प्रदान किया है। फाइन आर्ट से जुड़ी बेटियों द्वारा 30 जुलाई को कोरोना योद्धाओं के सम्मान एवं जन-जागरूकता के लिए बनाई गयी 1200 वर्ग फीट की रंगोली टू सैल्यूट कोरोना वारियर्स ने वर्ल्ड रिकॉर्ड इंडिया में अपना नाम दर्ज करा लिया है। उनकी इस उपलब्धि से सभी गददगद है। भव्य समारोह के बीच वल्र्ड रिकॉर्ड्स इंडिया की तरफ से आए मेडल व प्रमाणपत्र को विजेता प्रतिभागियों में वितरित किया गया।
बेटियों की मेहनत रंग लाई, कोरोना याद्वाओं के सम्मान व जनजागरूकता के लिए फाइन आर्ट सेंटर के कलाकारों द्वारा ‘लार्जेस्ट रंगोली टू सैल्यूट कोरोना वरियर्स‘ विषय पर 30 जुलाई को 1200 वर्ग फीट में बनायी गयी रंगोली सभी मानको को पूरा कर वल्र्ड रिकार्ड इंडिया में अपना नाम दर्ज कराकर जिले का नाम रोशन किया है। गुरूवार को वल्र्ड रिकार्ड इंडिया की तरफ आये मेडल और प्रमाण पत्र को विजेताओं में वितरित किया गया।
बतातें चलें कि बीते 30 जुलाई को नगर के चिल्ड्रेन कालेज में कोरोना योद्धाओं के सम्मान व जन जागरूकता के लिए फाइन आर्ट सेंटर के कलाकार 11 बेटियों ने दस घंटे में 1200 वर्ग फिट की रंगोली को बनाया था। कोरोना काल में कला जगत में जितनी भी कलात्मक गतिविधियां हुई उन सब में कोरोना योद्धाओं के सम्मान में यह सबसे बड़ी रंगोली होने के कारण एक नये रिकार्ड के रूप में स्थापित हुई। सभी मानको पर खरा उतरने के बाद इस रंगोली को वल्र्ड रिकार्ड इंडिया में अपना नाम दर्ज कराया। वल्र्ड रिकार्ड इंडिया में नाम दर्ज होते ही विजेताओं में खुशी का ठीकाना नहीं था। बुधवार को वल्र्ड रिकार्ड इंडिया की तरफ विजेताओं को मेंडल और प्रमाण पत्र भी मिल गया। जिसके बाद गुरूवार को नगर के बड़ा गणेश मंदिर के महंत राजेश मिश्रा व नारी शक्ति संस्थान की सचिव डॉ0 पूनम तिवारी के हाथों सभी विजेताओं को वल्र्ड रिकॉर्ड्स इंडिया की तरफ से आए मैडल व प्रमाणपत्र वितरित किए ।
फाइन आर्ट सेंटर की निदेशक डॉ लीना मिश्रा ने इस उपलब्धि का श्रेय ईश्वर की कृपा, माता-पिता का आशीर्वाद को देते हुए कहा कि कोरोना के संकट काल मे बेहद विषम परिस्थितियों में हासिल हुई यह उपलब्धि हम सबके लिए खास ही नहीं बेहद खास है। हमंे इस कार्य को पूरा करने के लिए कई लक्ष्य एक साथ तय करने थे। तय समय सीमा में निर्धारित क्षेत्रफल में रंगोली से कलाकृति उकेरनी थी। दस घण्टे तक मास्क लगाकर रंगोली बनाना कठिन था। मेरे साथ कलाकार जया गौर, अंकिता श्रीवास्तव, दीपिका सिंह, स्वाति बरनवाल, ऋषिका अग्रवाल, सौम्या अस्थाना, वर्तिका कृष्णा, स्वाति राय, इशिका स्वरूप व सबसे कम उम्र की कलाकार सहजप्रीत कौर ने पूरी मेहनत व लगन से इसे अंजाम दिया। नौ घण्टे पैंतालीस मिनट में ही यह लक्ष्य पूरा कर लिये और समाज मे यह संदेश प्रेषित किया कि कोरोना से बचाव के जरूरी नियमों का पालन कर आप अपने सभी काम कर सकते हैं। हमारी टीम ने यह रिकॉर्ड बना समाज को यह संदेश भी दिया कि दुनिया मे कोई ऐसा काम नही जो बेटियां न कर सकें।
उन्होने कहा कि रंगोली कला में पेंटिंग से कही ज्यादा शारीरिक श्रम लगता है, फिर भी इस रंगोली बनाने के पीछे भी मेरा एक उद्देश्य था कि में इस कला के माध्यम से यह बताना चाहती थी कि इतनी मेहनत के बाद भी रंगोली को मिट ही जाना है । लेकिन फिर भी यह सुंदर मनमोहक बने । यह कलाकार की कोशिश रहती है, ऐसे ही हमारा जीवन है ।
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