राष्ट्रपति के गृह जनपद में लाचार सिस्टम, आवास के लिए भटक रहे गरीब मजदूर
  • 4 years ago
राष्ट्रपति के गृह जनपद में लाचार सिस्टम, आवास के लिए भटक रहे गरीब मजदूर योजनाओं की अगर बात की जाए तो दिल्ली से लेकर राज्यों तक चलती तो है लेकिन आप साफ तौर पर तस्वीरों में देख सकते हैं कि ग्रामीण क्षेत्रों में लोगों को योजनाओं का लाभ नहीं मिल पाता ऐसी ही कहानी है कानपुर देहात के खम्हैला गांव की आपको बता दें कि बीते कई सालों से कानपुर देहात में एक ऐसा भी परिवार है जो टूटे फूटे मकान में गुजर बसर करने को मजबूर है बीते 4 सालों से जो कच्चा मकान था वह भी बारिश के चलते ढह गया है जिसकी शिकायत परिवार ने ग्राम प्रधान से लेकर मुख्य विकास अधिकारी एवं जिलाधिकारी से भी की लेकिन ना तो उन्हें अभी तक आवास दिलाया गया और ना ही कोई अधिकारी मौके पर जांच करने आया आपको बता दें कि पूरा मामला डेरापुर तहसील क्षेत्र के खम्हैला गांव का है जहां एक परिवार संजय पुत्र सोनेलाल बारिश में पन्नी त्रिपाल तानकर रहने को मजबूर है लेकिन अधिकारियों को उनकी जान की कोई सुध नहीं वही जब हमारे संवाददाता ने ग्राम प्रधान को मामले से अवगत कराया तो उन्होंने बात करने से मना कर दिया आपको बताते चलें कि पीड़ित ने बताया कि बारिश के चलते मकान तो ढह गया लेकिन वही पन्नी तानकर रहने के बाद कीड़े मकोड़े सांप का खतरा बना रहता है जिसकी शिकायत लिखित में भी कई बार की है लेकिन अभी तक ना तो आवास मिला और ना ही आश्वासन आखिर गरीब और बेसहारा परिवार अपना जीवन कैसे व्यतीत करें।
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