अयोध्या भूमि पूजन पर इतराई राम की तपोभूमि
  • 4 years ago
अयोध्या में भूमि पूजन के अवसर पर भगवान राम की तपोभूमि में भी उल्लास व उत्साह का माहौल रहा. ग्रामीण इलाकों से लेकर कस्बाई व शहरी क्षेत्रों में भजन कीर्तन व का दौर जारी रहा. भूमि पूजन से एक दिन पहले मंगलवार से ही राम की तपोभूमि के मठ मंदिरों आश्रमों में अखंड रामायण का पाठ व भजन कीर्तन आदि प्रारम्भ हो गया था. जिसकी बुधवार 5 अगस्त को अयोध्या में भूमि पूजन के बाद परिणीति हुई. शाम होते ही घरों व धार्मिक स्थानों पर दीप प्रज्ज्वलन की शुरआत हुई. उल्लास के माहौल में आतिशबाजी ने दीपावली सरीखा माहौल उत्पन्न कर दिया.

कहा जाता है कि चित्रकूट के कण कण में राम बसते हैं. अपने 14 वर्षों के वनवासकाल के दौरान साढ़े 11 वर्ष भगवान राम ने इसी पवित्र भूमि पर बिताए. आज भी कई ऐसे स्थान हैं जहां भगवान राम के प्रवास व विचरण की निशानी मिलती है. अब जब राम की जन्मभूमि अयोध्या में उनके मंदिर हेतु भूमि पूजन का सदियों बाद अवसर आया तो ऐसे में भगवान राम की तपोभूमि उल्लास व उत्साह के सागर में क्यों न लगाती. बुधवार को भूमि पूजन के बाद धार्मिक स्थानों से लेकर गली मोहल्लों आदि में उल्लास का माहौल रहा. लोगों ने मिठाई आदि बांटकर भूमि पूजन को लेकर अपनी प्रसन्नता व्यक्त की.

शाम होते ही दीपोत्सव का कार्यक्रम प्रारम्भ हुआ. पवित्र मंदाकिनी के तट पर स्थित रामघाट पर साधू सन्तो व आम नागरिकों ने सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए दीप प्रज्ज्वलन किया. इस बीच रामघाट सतरंगी रोशनी में लिपटा नज़र आया. अठखेलियाँ करती मंदाकिनी नदी की लहरों में दियों की झिलमिलाती रोशनी आसमां के सितारे जमी पर उतरने का एहसास करा रहे थे. मठ मंदिरों आश्रमों में भी विधिवत दीप प्रज्ज्वलन किया गया. भगवान कामतनाथ मंदिर में दीप जलाए गए. उनकी पूजा आराधना की गई.
Recommended