अब मदरसों के छात्रों को भी मिलेगी ऑनलाइन शिक्षा
  • 4 years ago
जयपुर। कोरोना महामारी के चलते देशभर के स्कूल बंद हैं। नया सेशन अब तक स्कूलों में शुरू नहीं हो सकता है। अभी स्कूल और कितने महीने बंद रहेंगे, अब तक तय नहीं हो पाया है। इसी के चलते बच्चों की पढ़ाई में बाधा ना आए, इसके लिए प्राइवेट से सरकारी स्कूलों तक में ऑनलाइन पढ़ाई शुरू हो चुकी है। टीचर्स ऑनलाइन क्लासेज के जरिए बच्चों को होमवर्क देना शुरू कर चुके हैं। इसी कड़ी में राज्य के मदरसों के बच्चे इस शिक्षा से दूर हो रहे थे। कोरोना महामारी के चलते मदरसों में बच्चों को नहीं ​पढ़ाया जा सकता, लेकिन घर पर भी वे पढ़ाई कर सकें इसके लिए अब राजस्थान मदरसा बोर्ड ने पहल की है। हालांकि बच्चे ऑनलाइन क्लासेज नहीं ले पाएंगे, लेकिन मोबाइल के जरिए स्टडी मटीरियल उन तक पहुंचाया जाएगा।



यह है योजना
16 जुलाई को राजस्थान मदरसा बोर्ड ने सभी पंजीकृत मदरसों को पत्र जारी कर बच्चों को मोबाइल के जरिए पढ़ाने के लिए निर्देशित किया है। शिक्षा विभाग के स्माइल पाठ्यक्रम की ​तर्ज पर मदरसों में पढ़ने वाले बच्चों को भी पठन सामग्री उपलब्ध करवाई जाएगी, ताकि उनका पढ़ाई से लगाव ना छूटे। वहीं कोरोना महामारी के बाद स्कूल और मदरसे खुलने पर बच्चों के ड्रॉपआउट का जो अंदेशा जताया जा रहा है, उसे कम किया जा सके।
अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी करेंगे निगरानी
राजस्थान मदरसा बोर्ड की ओर से सभी 33 ​जिलों के जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी को पत्र लिखकर निर्देश दिया गया है कि मदरसा बोर्ड के स्तपर पर शिक्षा विभाग के अधिकारी और जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारियों का एक वाट्सअप ग्रुप बनाया जाएगा, जिस पर शिक्षा विभाग की ओर से रोजाना एक लिंक भेजा जाएगा। इसके बाद जिला अल्पसंख्यक अधिकारी जिले के सभी उच्च प्राथमिक स्तर के मदरसों के नोडल पैराटीचर्स का वाट्सअप ग्रुप बनाएंगे। इस पर शिक्षा विभाग से मिलने वाला लिंक शेयर किया जाएगा।
पैराटीचर्स लेंगे फीडबैक
इससे पहले इन नोडल पैराटीचर्स को मदरसे में पढ़ रहे बच्चों के अभिभावकों का वाट्सअप ग्रुप बनाना होगा और ​पठन सामग्री का लिंक उन्हें प्रेषित करनी होगी। यह पठन सामग्री हर दिन शिक्षा विभाग की ओर से लिंक से जारी की जाएगी। पैराटीचर्स को यह सुनिश्चित करना होगा कि हर दिन अभिभावक अपने बच्चों को इस पठन सामग्री से पढ़ाएं। वहीं हर पैराटीचर को हर दिन पांच अभिभावकों से फीडबैक लेकर शिक्षा विभाग को भेजना होगा। ताकि बच्चों के लिए पढ़ाई का उचित माहौल तैयार किया जा सके।
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