राजसमंद. विश्व की बढ़ती जनसंख्या के प्रति लोगों को जागरूक करने के उद्देश्य से पिछले तीन दशक से 11 जुलाई को विश्व जनसंख्या दिवस मनाया जा रहा है। इस दिन लोगों को परिवार नियोजन, लैंगिक समानताएं, मानवाधिकार व मातृत्व स्वास्थ्य के बारे में जानकारी दी जाती है। विभिन्न सामाजिक संगठन व सरकारें व प्रशासन आमजन को लगातार बढ़ रही जनसंख्या से होने वाले प्रतिकूल परिणामों को लेकर आगाह करते हैं। वर्ष 1989 में जब विश्व की जनसंख्या करीब पांच अरब थी, तब संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम (यूनाइटेड नेशन डवलपमेन्ट प्रोग्राम) ने 11 जुलाई को ये दिवस मनाने की शुरुआत की। तब से लगातार ये दिवस विश्व भर में मनाया जा रहा है। ये जानकारी हैरानी होगी कि विश्व की कुल जनसंख्या में से तीस फीसदी से ज्यादा लोग भारत व चीन में हैं। सबसे ज्यादा तेज गति से इस समय जनसंख्या विश्व में नाइजीरिया में बढऩे का अनुमान है। भारत में भी जनसंख्या बढऩे की गति हालांकि कम हुई है, फिर भी अन्य विकसित देशों की तुलना में ज्यादा है। कुछ विश्लेषक तो ये भी अनुमान लगा रहे हैं कि आगामी एक दशक में भारत विश्व में सर्वाधिक जनसंख्या वाला देश होगा। पर जिस तरह से भारत में जागरुकता बढ़ी है, गति कुछ कम हुई है। ऐसे में इन विश्लेषकों की धारणाएं गलत साबित हो सकती है। राजसमंद जिले में भी पिछले एक दशक में ढाई लाख लोग बढऩे का अनुमान लगाया जा रहा है।