National Pride: कैप्टन विक्रम बत्रा वो सपूत जिसे पाकिस्तानी भी कहते थे शेरशाह | वनइंडिया हिंदी

  • 4 years ago
On July 26, 1999, the Indian Armed Forces won a gritty and decisive war against Pakistan. In the ferocious battle, many brave young soldiers laid down their lives defending their nation on the inhospitable battlefield of Kargil. It’s been more than eighteen years since then, but the unparalleled courage and sacrifice of Kargil heroes are still etched in the collective memory of the country.

विक्रम बत्रा को 1997 को जम्मू के सोपोर में सेना की 13 जम्मू-कश्मीर राइफल्स में लेफ्टिनेंट के पद पर नियुक्ति मिली। 1999 में कारगिल की जंग में विक्रम को भी बुलाया गया। इस दौरान विक्रम के अदम्य साहस के कारण उन्हे प्रमोशन भी मिला और वे कैप्टन बना दिए गए। श्रीनगर-लेह मार्ग के ठीक ऊपर सबसे महत्त्वपूर्ण 5140 चोटी को पाक सेना से मुक्त करवाने का जिम्मा भी कैप्टन विक्रम बत्रा को दिया गया था। बेहद दुर्गम क्षेत्र होने के बावजूद विक्रम बत्रा ने अपने साथियों के साथ 20 जून 1999 को इस पोस्ट पर विजय हासिल की। इसके बाद सेना ने प्वाइंट 4875 पर कब्जा करने की कवायद शुरू की थी। फिर इसका भी जिम्मा कैप्टन विक्रम बत्रा को ही दिया गया था।

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