क्या वाकई कारगर है Patanjali की Coronil, अपने ही दावे में क्यों उलझे Ramdev
  • 4 years ago
कोरोना कालखंड में पूरी दुनिया में दहशत का माहौल है। संक्रमितों का आंकड़ा भी एक करोड़ के पार पहुंच चुका है, वहीं मौत का आंकड़ा 5 लाख के करीब है। दुनिया के कई देशों में वैक्सीन पर ट्रायल चल रहा है, लेकिन फिलहाल सफलता किसी को भी नहीं मिली है। ऐसे में पतंजलि की कोरोनिल का सामने आना सबको चौंकाता जरूर है।

इंदौर में कोविड अस्पताल चोइथराम के डॉ. आनंद सांघी बाबा के दावे पर सवाल तो उठाते हैं, लेकिन साथ ही यह भी कहते हैं कि यदि इस दवाई से कैटेगरी 3 और 4 के मरीजों में सुधार हुआ है तो यह मील का पत्थर साबित हो सकती है। लेकिन, जब तक यह साबित न हो जाए तब तक ठोस इलाज का दावा सही नहीं है।

ऐसा माना जाता है कि आयुर्वेदिक दवाओं का साइड इफेक्ट नहीं होता है। साथ ही यह भी किसी से छिपा नहीं है कि कोरोना काल में इम्यूनिटी बढ़ाने के लिए मरीजों को आयुर्वेदिक काढ़ा एवं अन्य दवाइयां दी जा रही हैं। ऐसे में पतंजलि की दवाई को सिरे नकार देना भी उचित नहीं है।

शासकीय अष्टांग आयुर्वेदिक कॉलेज एवं चिकित्सालय के डॉ. धर्मेन्द्र शर्मा कहते हैं कि दवा का परिणाम देखे बिना हल्ला मचाना सही नहीं है। अत: कोरोनिल का परिणाम देखने के बाद ही किसी निष्कर्ष पर पहुंचना चाहिए।

यह भी सही है कि पतंजलि की 'कोरोनिल' के विज्ञापनों पर सरकार ने रोक लगा दी है। कई राज्यों में दवा की बिक्री पर भी प्रतिबंध लग गया है। साथ ही कथित तौर पर ट्रायल में शामिल निम्स ने भी पल्ला झाड़ लिया है। इस सबसे तो ऐसा ही लगता है कि फिलहाल तो बाबा का दावा और दवा दोनों ही झमेले में फंस गए हैं।
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