प्रधानमंत्री शहरी आवास योजना में मनमानी, सालों से किश्त का इंतजार

  • 4 years ago
शहरी क्षेत्र के गरीबों को भी पक्का घर मिल सके इसके लिए प्रधानमंत्री शहरी आवास योजना की शुरुआत पांच साल पहले हुई। इस योजना में जिम्मेदारों की मनमानी से तमाम ऐसे गरीब हैं जो पन्नी तानकर रह रहे हैं। सालों पहले सभी औपचारिकताएं पूरी हो गई। जियो टैग हो गया लेकिन किश्त नहीं आई जिससे निर्माण शुरू नहीं हो सका। जिम्मेदारों की मनमानी का शिकार सबसे ज्यादा ओयल के गरीब हो रहे हैं। जिन लोगों की विभाग के जिम्मेदारों से सेटिंग होती है उनको तुरंत किश्त मिल जाती है। प्रधानमंत्री शहरी आवास योजना की हकीकत देखनी है तो नगर पंचायत ओयल आइए। यहां अभी बहुत से गरीब लाभार्थी जिनके घरों पर छत नहीं है। छप्पर के नीचे रहने को मजबूर हैं। आवास के लिए आवेदन किए एक साल से अधिक हो गया। विभाग के कर्मचारियों द्वारा सर्वे कर जियो टैग भी किए जा चुके हैं लेकिन किश्त नहीं मिली। मुराउन टोला ढकवा ओयल निवासी रामआसरे पुत्र सुब्बा की पहली किस्त मार्च 2019 को आई थी जिससे नीव और पिलर खड़े कर दिए बाद में दूसरी किश्त नहीं आई। यहीं की माया देवी पत्नी सुरेश चंद की पहली किश्त जनवरी 2020 को आई उसके बाद से किश्त नहीं आई। वही वार्ड कोतवाली निवासी रमेश चंद पुत्र ऊदन इनकी तो दो किश्ते आ चुकी हैं। उसका निर्माण भी हो चुका है, छह माह से अधिक समय बीत चुका है तीसरी किश्त नहीं आई। वार्ड बगिया निवासी रामू पुत्र सुरेश के आवास के लिए जियो टैग एक वर्ष पहले हुआ था लेकिन अब तक उनकी पहली किश्त नहीं आई। इसी वार्ड के रामकुमार पुत्र रामसरन की फाइल पड़े हुए एक वर्ष से अधिक हो गया है अभी तक एमबी नहीं हुई है। वार्ड जगतिया निवासी सुनीता पत्नी स्व. राम नरेश के आवास के लिए जियो टैग हुए एक वर्ष से अधिक हो गया पैसा नहीं मिला। इसी तरह से तमाम गरीब हैं। 

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