लॉकडाउन 5.0 पर चर्चा, गृहमंत्री ने मुख्यमंत्रियों से लिया फीडबैक

  • 4 years ago
देश में चौथे चरण का लॉकडाउन 31 मई को खत्म होने जा रहा है। इसके बाद भी लॉकडाउन लागू रहेगा या नहीं, इस मुद्दे को लेकर गृहमंत्री अमित शाह ने राज्यों के मुख्यमंत्रियों से चर्चा की। हालांकि देश में बढ़ते कोरोना के मामलों को लेकर भी इस वीडियो कॉन्फ्रेंस में चिंता जताई गई, लेकिन देश के आर्थिक ढांचे को बचाने के लिए भी गृहमंत्री ने मुख्यमंत्रियों से सलाह मांगी है। इस दौरान आगे की रणनीति को लेकर भी सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों से चर्चा हुई।
वहीं दूसरी ओर देश में पांचवें चरण के लॉकडाउन शुरू होने को लेकर भी चर्चा है। ऐसे में लोगों में संशय पैदा हो रहा है। चौथे चरण में आर्थिक गतिविधियों को शुरू करने की भले ही छूट दे दी हो, लेकिन छोटे कारोबार अब भी बंद पड़े हैं। कोरोना के साथ यह आर्थिक संकट भी देश के लिए बड़ी चुनौती बन चुका है।
मुख्यमंत्रियों के साथ अपनी बातचीत के दौरान गृहमंत्री ने राज्यों के चिंताजनक स्थिति वाले क्षेत्रों के बारे में उनके विचार जाने और एक जून के बाद किन क्षेत्रों को खोलना चाहते हैं, इस बारे में भी उनसे राय ली गई। वहीं रेड जोन में बंदिशें लागू रखने को लेकर भी यहां सहमति बनी।
देश में कई सुविधाएं एक बार फिर शुरू की जा चुकी हैं। 25 मई से घरेलू उड़ानें शुरू हो चुकी हैं और एक जून से देशभर के राज्यों के कई शहरों के लिए 200 ट्रेनें उपलब्ध होंगी। हालांकि घरेलू उड़ानें भी अभी कुछ राज्यों में ही शुरू हो पाई हैं। महाराष्ट्र सरकार ने इन उड़ानों को शुरू करने के लिए अभी समय मांगा है। आपको बता दें कि देश में सबसे ज्यादा कोरोना संक्रमण महाराष्ट्र में फैल रहा है। यहां पर संक्रमितों की संख्या सबसे ज्यादा है। वहीं महाराष्ट्र सरकार अभी 31 मई को पूरी तरह से लॉकडाउन खोलने के पक्ष में भी दिखाई नहीं दी है। महाराष्ट्र में जब तक कोरोना के मामले नियंत्रण में नहीं आ जाते, राज्य सरकार घरेलू उड़ानें शुरू नहीं करेगी और लॉकडाउन को लेकर भी राज्य अपनी रणनीति केंद्र सरकार को बता चुका है।
वहीं खबर यह भी है कि प्रवासियों की आवाजाही से बढ़ रहे संक्रमण के खतरे को देखते हुए आज हरियाणा ने दिल्ली से सटी अपनी सभी सीमाओं को सील कर दिया है। राज्य सरकार ने आगामी आदेश तक इन सीमाओं से किसी को न आने देने का फैसला किया है। देश में इस समय कोरोना संक्रमण के मामले 1 लाख 60 हजार पार कर चुके हैं। लेकिन इसके साथ ही मरीजों की रिकवरी रेट बढ़ने को राहत के तौर पर लिया जा रहा है।

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