Bundi helpers

  • 4 years ago
आए थे कुछ कमाने, लॉकडाउन लगने से खाली हाथ लौटना पड़ गया।परिवार के लोगों के दिन में तीन चार बार फोन आते और चिंताजनक भाषा में बोलते थे कि तुम कब आओगे? बिहारी मजदूरों ने कहा कि संकट की इस घड़ी को जिंदगी भर नहीं भूल पाएंगे।