सरकार की सफाई, फैक्ट्री पर नहीं होगी कार्रवाई
  • 4 years ago
मॉडिफाइड लॉकडाउन में खुलने वाली औद्योगिक इकाइयों के मालिकों को आश्वस्त करते हुए उद्योग विभाग ने कहा है कि फैक्ट्री में कोरोना संक्रमित मिलने पर कानूनी कार्रवाई की बात सिर्फ अफवाह है।

उद्योग आयुक्त मुक्तानंद अग्रवाल ने उन सभी आशंकाओं को निर्मूल बताया है, जिनमें संक्रमित कार्मिक के औद्योगिक इकाई परिसर में मिलने पर इकाई के मुख्य कार्यकारी को सजा देने, इकाई को तीन माह के लिए सीज करने और आवश्यक सुरक्षा मापदंडों की पालना नहीं करने पर दो दिन के लिए बंद करने की कार्रवाई प्रचारित की जा रही है।

उन्होंने बताया कि केंद्रीय गृह मंत्रालय ने 23 अप्रेल को सभी राज्यों के मुख्य सचिवों को पत्र लिख कर स्पष्ट कर दिया है कि विभाग की ओर से इस संबंध में जारी दिशा-निर्देशों को लेकर भ्रम की स्थिति बनी है। उन्होंने बताया कि उद्योग विभाग में स्थापित नियंत्रण कक्ष उद्यमियों के लिए उपयोगी सिद्ध हो रहा है।

आयुक्त अग्रवाल ने बताया कि केंद्रीय गृह मंत्रालय की ओर से जारी पत्र में स्पष्ट कर दिया गया है कि गाइड लाइंस में इस तरह का कोई प्रावधान नहीं है। उन्होंने बताया कि आपदा प्रबंधन कानून के तहत कार्रवाई तभी होगी जबकि नियोक्ता की जानकारी में होने के बावजूद लापरवाही बरती जा रही हो।

उन्होंने कहा कि कोरोना महामारी की व्यापकता को देखते हुए यह जरूरी है कि औद्योगिक इकाइयां सोशल डिस्टेंस, मानक स्वास्थ्य सुरक्षा मापदंडों की पालना और केन्द्र व राज्य सरकार की ओर से जारी एडवाइजरी की पालना सुनिश्चित करें।

अग्रवाल ने बताया कि उद्योग विभाग में स्थापित नियंत्रण कक्ष के प्रति प्रदेश के उद्यमियों ने रुचि दिखाई है और डेढ़ दिन में ही करीब 200 से अधिक जिज्ञासाओं, भ्रांतियों, स्पष्टीकरण और प्रक्रियाओं के संबंध में प्रदेश भर से कॉल प्राप्त हुए हैं।

गौरतलब है कि उद्योग विभाग में गुरुवार से अतिरिक्त निदेशक अविंद्र लड्ढा के निर्देशन में दो उपनिदेशकों, एक सहायक निदेशक और अन्य कार्मिकों की ओर से दूरभाष पर प्राप्त समस्याओं का समाधान किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि संभागीय प्रभारी अधिकारियों ने भी जिला व संभाग स्तर पर समन्वय बनाना आरंभ कर दिया है।
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