कोरोना के कर्मवीर: मां के देहांत के बाद भी सेवा में जुटे राममूर्ति, अंतिम संस्कार में नहीं हो सके शामिल
  • 4 years ago
कोरोना महामारी से चिकित्साकर्मी 24 घंटे लड़ रहे हैं। बस उनका एक ही मकसद है कोरोना को हराना और मरीजों को ठीक करना। यही वजह है कि कोरोना के सिपाही परिवार के कार्यक्रम और शोक में भी शामिल नहीं हो रहे हैं। ये सिपाही काम को अपना फर्ज मानते हुए दिन-रात कोरोना पॉजिटिव मरीजों की सेवा में लगे हुए हैं। ऐसे ही कोरोना के सिपाही हैं सवाई मानसिंह अस्पताल के आइसोलेशन वार्ड और आइसीयू के नर्सिंग इंचार्ज राममूर्ति मीणा। 30 मार्च को राममूर्ति की माताजी का देहांत हो गया। राममूर्ति अपने गांव नहीं जा पा रहे और अस्पताल में मरीजों की सेवा में जुटे हुए हैं।
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